ETV Bharat / business

Vedanta ने FY23 में राजनीतिक दलों को ₹155 करोड़ का दिया चंदा, जानें बीजेपी और कांग्रेस को कितना मिला

अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता ग्रुप ने राजनीतिक पार्टियों को 155 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. जिसका भुगतान इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किया गया है. इसमें सबसे अधिक चंदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिला है, जानें कांग्रेस समेत एनसीपी और अन्य पार्टियों को कितना चंदा मिला है. पढ़ें पूरी खबर...

Vedanta Group CEO Anil Agarwal
वेदांता ग्रुप के सीईओ अनिल अग्रवाल
author img

By

Published : Jun 25, 2023, 5:25 PM IST

नई दिल्ली: अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के खनन समूह वेदांता ने राजनीतिक पार्टियों को 155 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. ये चंदा मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में चुनावी बांड के जरिए दिया गया है. कंपनी ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी ने 123 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. हालांकि, इसमें लाभ पाने वाले राजनीतिक दलों के नाम नहीं बताए गए.

वेदांता ग्रुप ने 5 साल में ₹457 करोड़ दिए चंदा
मोदी सरकार ने 2017-18 में चुनावी फंडिंग के लिए चुनावी बांड की व्यवस्था शुरू की थी. जिसका मकसद राजनीतिक पार्टियों के लिए कैश डोनेशन का विकल्प उपलब्द कराना था. कोई भी व्यक्ति भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से चुनावी बांड खरीद सकता है और इसे किसी भी राजनीतिक दल को दान कर सकता है. फिर राजनीतिक दल उन्हें भुनाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वेदांता ग्रुप ने पिछले 5 साल में इन बॉन्ड में सब्सक्रिप्शन के जरिए कुल 457 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.

सबसे अधिक चंदा बीजेपी पार्टी को मिला
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) एक ऐसी संस्था है जो राजनीतिक पार्टियों पर नजर रखती है. हाल ही में इस संस्था ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार 2021-22 में चार राष्ट्रीय पार्टियों की कुल इनकम में 'इलेक्टोरल बॉन्ड' का हिस्सा आधे से अधिक है. इस दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे अधिक चंदा बीजेपी पार्टी को मिला है. जो कि 1,033.70 करोड़ रुपये हैं. इसके बाद 528.143 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस दूसरे नबंर पर है. तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी है, जिसे 236.09 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. वहीं, 14 करोड़ रुपये के चंदे के साथ एनसीपी चौथे नंबर पर है. इस तरह चारों राष्ट्रीय पार्टियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के तरिए 1,811.9425 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

ये भी पढ़ें-

(भाषा के साथ एकस्ट्रा इनपुट)

नई दिल्ली: अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के खनन समूह वेदांता ने राजनीतिक पार्टियों को 155 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. ये चंदा मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में चुनावी बांड के जरिए दिया गया है. कंपनी ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी ने 123 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. हालांकि, इसमें लाभ पाने वाले राजनीतिक दलों के नाम नहीं बताए गए.

वेदांता ग्रुप ने 5 साल में ₹457 करोड़ दिए चंदा
मोदी सरकार ने 2017-18 में चुनावी फंडिंग के लिए चुनावी बांड की व्यवस्था शुरू की थी. जिसका मकसद राजनीतिक पार्टियों के लिए कैश डोनेशन का विकल्प उपलब्द कराना था. कोई भी व्यक्ति भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से चुनावी बांड खरीद सकता है और इसे किसी भी राजनीतिक दल को दान कर सकता है. फिर राजनीतिक दल उन्हें भुनाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वेदांता ग्रुप ने पिछले 5 साल में इन बॉन्ड में सब्सक्रिप्शन के जरिए कुल 457 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.

सबसे अधिक चंदा बीजेपी पार्टी को मिला
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) एक ऐसी संस्था है जो राजनीतिक पार्टियों पर नजर रखती है. हाल ही में इस संस्था ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार 2021-22 में चार राष्ट्रीय पार्टियों की कुल इनकम में 'इलेक्टोरल बॉन्ड' का हिस्सा आधे से अधिक है. इस दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे अधिक चंदा बीजेपी पार्टी को मिला है. जो कि 1,033.70 करोड़ रुपये हैं. इसके बाद 528.143 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस दूसरे नबंर पर है. तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी है, जिसे 236.09 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. वहीं, 14 करोड़ रुपये के चंदे के साथ एनसीपी चौथे नंबर पर है. इस तरह चारों राष्ट्रीय पार्टियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के तरिए 1,811.9425 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

ये भी पढ़ें-

(भाषा के साथ एकस्ट्रा इनपुट)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.