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अंडमान में कारोबारी निकाय ने मांगों को लेकर शाह से हस्तक्षेप की मांग की

गृह मंत्री शाह से कहा गया है कि यहां अपार आर्थिक क्षमता है और केंद्र ने इसके लिए विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी परियोजनाओं की पहचान की गई है.

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Etv Bharat गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Apr 13, 2023, 12:16 PM IST

पोर्ट ब्लयेर: 'अंडमान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' (एसीसीआई) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. एआईसीसी ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को द्वीप में 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था. इस हड़ताल के चलते दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और वाणिज्यिक वाहन सड़कों से नदारद रहे. एसीसीआई ने कहा कि बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी, जमीन के सर्किल रेट में मनमानी वृद्धि, फ्लैटों का पंजीकरण नहीं होना और बेहतर बुनियादी ढांचे एवं व्यापार करने में आसानी की मांग समेत कई मामलों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया गया.

उसने स्वराज द्वीप और शहीद द्वीप में वाणिज्यिक वाहनों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने, घरेलू जमीन को वाणिज्यिक और वाणिज्यिक को घरेलू जमीन में बदलने से रोके जाने और भवन योजना के लिए अपेक्षित अनुमोदन में देरी पर भी चिंता जताई. उद्योग निकाय ने एक बयान में कहा, 'हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे. एसीसीआई ने द्वीप के समग्र विकास के लिए उठाए गए कदमों में सहयोग करने और नीतियों का निर्माण करने के लिए स्थानीय प्रशासन और केंद्र के साथ हमेशा मिलकर काम किया है और वह आगे भी ऐसा करता रहेगा, लेकिन एक प्रमुख हितधारक होने के नाते हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाएगी.'

पढ़ें: Wheat Procurement : इन राज्यों के किसानों को सरकार ने दी राहत, गेहूं खरीद के लिए क्वालिटी नियमों में मिली ढील

एसीसीआई के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रह्लादका ने कहा, 'अंडमान- निकोबार द्वीप में अपार आर्थिक क्षमता है और केंद्र ने इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बड़ी परियोजनाओं की पहचान की है. हालांकि, कई महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दे हैं जिन्हें स्थानीय प्रशासन लंबे समय से सुलझा नहीं पाया है. यह द्वीप के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में एक प्रमुख अवरोधक है.'

पीटीआई-भाषा

पोर्ट ब्लयेर: 'अंडमान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' (एसीसीआई) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. एआईसीसी ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को द्वीप में 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था. इस हड़ताल के चलते दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और वाणिज्यिक वाहन सड़कों से नदारद रहे. एसीसीआई ने कहा कि बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी, जमीन के सर्किल रेट में मनमानी वृद्धि, फ्लैटों का पंजीकरण नहीं होना और बेहतर बुनियादी ढांचे एवं व्यापार करने में आसानी की मांग समेत कई मामलों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया गया.

उसने स्वराज द्वीप और शहीद द्वीप में वाणिज्यिक वाहनों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने, घरेलू जमीन को वाणिज्यिक और वाणिज्यिक को घरेलू जमीन में बदलने से रोके जाने और भवन योजना के लिए अपेक्षित अनुमोदन में देरी पर भी चिंता जताई. उद्योग निकाय ने एक बयान में कहा, 'हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे. एसीसीआई ने द्वीप के समग्र विकास के लिए उठाए गए कदमों में सहयोग करने और नीतियों का निर्माण करने के लिए स्थानीय प्रशासन और केंद्र के साथ हमेशा मिलकर काम किया है और वह आगे भी ऐसा करता रहेगा, लेकिन एक प्रमुख हितधारक होने के नाते हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाएगी.'

पढ़ें: Wheat Procurement : इन राज्यों के किसानों को सरकार ने दी राहत, गेहूं खरीद के लिए क्वालिटी नियमों में मिली ढील

एसीसीआई के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रह्लादका ने कहा, 'अंडमान- निकोबार द्वीप में अपार आर्थिक क्षमता है और केंद्र ने इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बड़ी परियोजनाओं की पहचान की है. हालांकि, कई महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दे हैं जिन्हें स्थानीय प्रशासन लंबे समय से सुलझा नहीं पाया है. यह द्वीप के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में एक प्रमुख अवरोधक है.'

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