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Tech workers : बुलबुला फूटने के बाद टेक कर्मियों को बेहतर कल की उम्मीद - layoff at Byju

दुनियाभर के कई कंपिनयों में छंटनी मानो एक ट्रेंड सा बन गया. एक के बाद एक बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने लगी. इस ट्रेंड में सबसे आगे रही टेक कंपनियां. जिन्होंने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया. लेकिन अब टेक कर्मी आने वाले दिनों में एक बेहतर कल की उम्मीद कर रहे हैं.

Tech workers
टेक कर्मी
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Published : Jan 29, 2023, 5:22 PM IST

बेंगलुरू : हाल ही में कुशल सॉफ्टवेयर पेशेवरों ने बड़ी तेजी और मांग का अनुभव किया है. स्टार्टअप्स ने आकर्षक ज्वाइनिंग बोनस की पेशकश की और यहां तक कि मूनलाइटिंग की सुविधा भी दी. जिसने टेक में एक बड़ी छंटनी के बाद बहस छेड़ दी है. आईटी दिग्गज विप्रो द्वारा आंतरिक मूल्यांकन परीक्षणों में खराब प्रदर्शन के लिए 400 से अधिक नए कर्मचारियों की छंटनी की खबर एक राष्ट्रीय समाचार बन गई. उनके टर्मिनेशन लेटर में कहा गया था कि कर्मचारियों को ट्रेनिंग के 75,000 रुपए देने होंगे, जो कंपनी ने उन पर खर्च किए हैं, लेकिन यह राशि माफ की जा रही है.

विप्रो ने आधिकारिक तौर पर कहा कि यह खुद को उच्चतम मानकों पर रखने में गर्व महसूस करता है. मानकों के अनुसार सभी के लिए लक्ष्य निर्धारित है. प्रत्येक प्रवेश स्तर के कर्मचारी से यह उम्मीद की जाती है कि वह जिस भी क्षेत्र में काम करें उसमें वह बहुत अच्छे होंगे. बेंगलुरू में एक आईटी स्टार्टअप के संस्थापक ने कहा, मंदी ने उद्योग को प्रभावित किया है. इस बात का खंडन करते हुए, एक वरिष्ठ सॉफ्टवेयर पेशेवर अमृता चंदन ने समझाया कि यह प्रक्रिया फिजूल खर्ची को कम करने के लिए है. उन्होंने आगे बताया, 'छंटनी की वजह से कई वरिष्ठ कर्मचारी मुश्किल में हैं, जिन्होंने अपने अनुभव से भत्तों, लाभों और भारी वेतन का आनंद लिया. कंपनियां संसाधनों की बर्बादी और अवांछित पोस्ट की पहचान कर कार्रवाई कर रही हैं. आज भी डिलीवरी करने वाले प्रोएक्टिव वर्कर, मैनेजर को कोई खतरा नहीं है.

Tech workers
टेक कर्मियों को बेहतर कल की उम्मीद (कॉन्सेप्ट इमेज)

बायजूस बेंगलुरु में कर रही छंटनी
बेंगलुरु स्थित एडटेक दिग्गज बायजूस, केरल के तिरुवनंतपुरम में बड़े पैमाने पर छंटनी करने के बाद, बंगलुरू में अपने कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए कह रही है. सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों को तुरंत इस्तीफा देने या टर्मिनेशन का सामना करने के लिए कहा जा रहा है, जो उनके करियर प्रॉस्पेक्टस को प्रभावित करेगा. कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने कहा है कि बायजूस मुख्यालय बेंगलुरु में कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है.

केआईटीयू के सचिव सूरज निधिंगा ने कहा कि बायजूस के कर्मचारी इस्तीफा देने के इच्छुक नहीं हैं. लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. एचआर विभाग कर्मचारियों से जबरदस्ती इस्तीफे मंगवाने में जुटा है. इंफोसिस को कम से कम 100 साल तक फलने-फूलने की चुनौती है. इस बारे में बात करते हुए आईटी दिग्गज के उद्योग में 40 साल पूरे करने के अवसर पर अध्यक्ष और सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कहा कि 40 साल बाद भी कंपनी तीन आरएस के कारण फल-फूल रही है.

नीलेकणि ने आगे कहा, क्या मैं अब से 20 से 30 साल बाद सभी हितधारकों का सम्मान अर्जित कर पाऊंगा. जब आप सम्मान के बारे में सोचते हैं तो सब कुछ ठीक हो जाता है. औद्योगिक सूत्र बताते हैं कि नए लोगों को इस क्षेत्र में अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी कम हैं और कॉलेज कैंपस चयनों को रोक दिया गया है. हालांकि, सभी अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं और अपने खुशहाल दिनों में लौटने की उम्मीद भी कर रहे हैं.

(आईएएनएस)

पढ़ें : Layoffs News : छंटनी पर क्या कहती हैं बड़ी टेक कंपनियां ?

पढ़ें : LayOff News 2023 में भारी छंटनी के लिए रहें तैयार, अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणी

बेंगलुरू : हाल ही में कुशल सॉफ्टवेयर पेशेवरों ने बड़ी तेजी और मांग का अनुभव किया है. स्टार्टअप्स ने आकर्षक ज्वाइनिंग बोनस की पेशकश की और यहां तक कि मूनलाइटिंग की सुविधा भी दी. जिसने टेक में एक बड़ी छंटनी के बाद बहस छेड़ दी है. आईटी दिग्गज विप्रो द्वारा आंतरिक मूल्यांकन परीक्षणों में खराब प्रदर्शन के लिए 400 से अधिक नए कर्मचारियों की छंटनी की खबर एक राष्ट्रीय समाचार बन गई. उनके टर्मिनेशन लेटर में कहा गया था कि कर्मचारियों को ट्रेनिंग के 75,000 रुपए देने होंगे, जो कंपनी ने उन पर खर्च किए हैं, लेकिन यह राशि माफ की जा रही है.

विप्रो ने आधिकारिक तौर पर कहा कि यह खुद को उच्चतम मानकों पर रखने में गर्व महसूस करता है. मानकों के अनुसार सभी के लिए लक्ष्य निर्धारित है. प्रत्येक प्रवेश स्तर के कर्मचारी से यह उम्मीद की जाती है कि वह जिस भी क्षेत्र में काम करें उसमें वह बहुत अच्छे होंगे. बेंगलुरू में एक आईटी स्टार्टअप के संस्थापक ने कहा, मंदी ने उद्योग को प्रभावित किया है. इस बात का खंडन करते हुए, एक वरिष्ठ सॉफ्टवेयर पेशेवर अमृता चंदन ने समझाया कि यह प्रक्रिया फिजूल खर्ची को कम करने के लिए है. उन्होंने आगे बताया, 'छंटनी की वजह से कई वरिष्ठ कर्मचारी मुश्किल में हैं, जिन्होंने अपने अनुभव से भत्तों, लाभों और भारी वेतन का आनंद लिया. कंपनियां संसाधनों की बर्बादी और अवांछित पोस्ट की पहचान कर कार्रवाई कर रही हैं. आज भी डिलीवरी करने वाले प्रोएक्टिव वर्कर, मैनेजर को कोई खतरा नहीं है.

Tech workers
टेक कर्मियों को बेहतर कल की उम्मीद (कॉन्सेप्ट इमेज)

बायजूस बेंगलुरु में कर रही छंटनी
बेंगलुरु स्थित एडटेक दिग्गज बायजूस, केरल के तिरुवनंतपुरम में बड़े पैमाने पर छंटनी करने के बाद, बंगलुरू में अपने कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए कह रही है. सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों को तुरंत इस्तीफा देने या टर्मिनेशन का सामना करने के लिए कहा जा रहा है, जो उनके करियर प्रॉस्पेक्टस को प्रभावित करेगा. कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने कहा है कि बायजूस मुख्यालय बेंगलुरु में कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है.

केआईटीयू के सचिव सूरज निधिंगा ने कहा कि बायजूस के कर्मचारी इस्तीफा देने के इच्छुक नहीं हैं. लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. एचआर विभाग कर्मचारियों से जबरदस्ती इस्तीफे मंगवाने में जुटा है. इंफोसिस को कम से कम 100 साल तक फलने-फूलने की चुनौती है. इस बारे में बात करते हुए आईटी दिग्गज के उद्योग में 40 साल पूरे करने के अवसर पर अध्यक्ष और सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कहा कि 40 साल बाद भी कंपनी तीन आरएस के कारण फल-फूल रही है.

नीलेकणि ने आगे कहा, क्या मैं अब से 20 से 30 साल बाद सभी हितधारकों का सम्मान अर्जित कर पाऊंगा. जब आप सम्मान के बारे में सोचते हैं तो सब कुछ ठीक हो जाता है. औद्योगिक सूत्र बताते हैं कि नए लोगों को इस क्षेत्र में अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी कम हैं और कॉलेज कैंपस चयनों को रोक दिया गया है. हालांकि, सभी अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं और अपने खुशहाल दिनों में लौटने की उम्मीद भी कर रहे हैं.

(आईएएनएस)

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