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मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद सेंसेक्स 1,017 अंक चढ़ा - स्टॉक मार्केट हिंदी न्यूज़

स्थानीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद उछाल आया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती गिरावट से उबर कर अंत में 1,000 अंक से अधिक चढ़कर बंद हुआ.

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के बाद सेंसेक्स में 547 अंक का उछाल
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के बाद सेंसेक्स में 547 अंक का उछाल
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Published : Sep 30, 2022, 12:38 PM IST

Updated : Sep 30, 2022, 8:53 PM IST

मुंबई: शेयर बाजारों में पिछले सात कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद शुक्रवार को विराम लग गया और बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक चढ़कर बंद हुआ. उम्मीदों के अनुरूप ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि और भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के अगले साल जनवरी से नियंत्रण में आने के अनुमान से बाजार में तेजी आई. कारोबारियों के अनुसार, रुपये की विनियम दर में सुधार का भी बाजार पर सकरात्मक प्रभाव पड़ा.

डगमगाती शुरुआत के बाद तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,016.96 अंक या 1.80 प्रतिशत उछलकर 57,426.92 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 1,312.67 अंक तक चढ़ गया था. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 276.25 अंक या 1.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,094.35 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में एयरटेल के शेयर में सबसे अधिक 4.49 प्रतिशत का उछाल आया. इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व और टाटा स्टील के शेयर भी लाभ में रहे. दूसरी तरफ डॉ रेड्डीज, एशियन पेंट्स, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. कुल मिलाकर मई से अबतक आरबीआई रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति में आरबीआई के भरोसे और ब्याज दरों में उम्मीदों के अनुरूप वृद्धि से घरेलू शेयर बाजार को पिछले सात कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट को थामने में मदद मिली. उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.70 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय और अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि का अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत देता है. हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था से घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए मौजूदा जोखिमों के बारे में चेतावनी भी दी गई है.

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, आरबीआई ने उम्मीद के अनुरूप ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है. उन्होंने कहा, वैश्विक परिस्थिति, विश्व में आर्थिक मंदी और विभिन्न केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख से उत्पन्न चिंताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती को देखते हुए यह वृद्धि की गई है.

पढ़ें: आरबीआई ने बढ़ाया रेपो रेट, 50 बेसिस पॉइंट का किया इजाफा

शुक्रवार को एक हजार अंक से अधिक की वृद्धि के बावजूद साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 672 या 1.15 प्रतिशत और निफ्टी 233 अंक 1.34 प्रतिशत गिरा है. इसके अलावा व्यापक बाजार में शुक्रवार को बीएसई का स्मॉलकैप 1.45 प्रतिशत और मिडकैप 1.39 प्रतिशत चढ़ गया. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहे जबकि हांगकांग का हैंगसेंग मजबूती के साथ बंद हुआ.

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मजबूती का रुख रहा. अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 89.54 डॉलर प्रति बैरल पर पंहुच गया. शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों का बिकवाली का सिलसिला जारी है. उन्होंने बृहस्पतिवार को 3,599.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

पढ़ें: आरबीआई ने 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा

मुंबई: शेयर बाजारों में पिछले सात कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद शुक्रवार को विराम लग गया और बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक चढ़कर बंद हुआ. उम्मीदों के अनुरूप ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि और भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के अगले साल जनवरी से नियंत्रण में आने के अनुमान से बाजार में तेजी आई. कारोबारियों के अनुसार, रुपये की विनियम दर में सुधार का भी बाजार पर सकरात्मक प्रभाव पड़ा.

डगमगाती शुरुआत के बाद तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,016.96 अंक या 1.80 प्रतिशत उछलकर 57,426.92 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 1,312.67 अंक तक चढ़ गया था. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 276.25 अंक या 1.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,094.35 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में एयरटेल के शेयर में सबसे अधिक 4.49 प्रतिशत का उछाल आया. इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व और टाटा स्टील के शेयर भी लाभ में रहे. दूसरी तरफ डॉ रेड्डीज, एशियन पेंट्स, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. कुल मिलाकर मई से अबतक आरबीआई रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति में आरबीआई के भरोसे और ब्याज दरों में उम्मीदों के अनुरूप वृद्धि से घरेलू शेयर बाजार को पिछले सात कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट को थामने में मदद मिली. उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.70 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय और अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि का अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत देता है. हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था से घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए मौजूदा जोखिमों के बारे में चेतावनी भी दी गई है.

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, आरबीआई ने उम्मीद के अनुरूप ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है. उन्होंने कहा, वैश्विक परिस्थिति, विश्व में आर्थिक मंदी और विभिन्न केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख से उत्पन्न चिंताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती को देखते हुए यह वृद्धि की गई है.

पढ़ें: आरबीआई ने बढ़ाया रेपो रेट, 50 बेसिस पॉइंट का किया इजाफा

शुक्रवार को एक हजार अंक से अधिक की वृद्धि के बावजूद साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 672 या 1.15 प्रतिशत और निफ्टी 233 अंक 1.34 प्रतिशत गिरा है. इसके अलावा व्यापक बाजार में शुक्रवार को बीएसई का स्मॉलकैप 1.45 प्रतिशत और मिडकैप 1.39 प्रतिशत चढ़ गया. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहे जबकि हांगकांग का हैंगसेंग मजबूती के साथ बंद हुआ.

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मजबूती का रुख रहा. अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 89.54 डॉलर प्रति बैरल पर पंहुच गया. शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों का बिकवाली का सिलसिला जारी है. उन्होंने बृहस्पतिवार को 3,599.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

पढ़ें: आरबीआई ने 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा

Last Updated : Sep 30, 2022, 8:53 PM IST
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