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SEBI Penalty: सेबी ने इस रिसर्च एनालिस्ट पर लगाया ₹60 लाख का जुर्माना, जानें क्या है आरोप - मनीष गोयल

मार्केट से जुड़े नियमों का पालन न करने पर बाजार नियामक सेबी पेनल्टी लगाती है. इसी क्रम में SEBI ने मनीष गोयल पर कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. पढ़ें पूरी खबर....

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Published : Aug 14, 2023, 9:50 AM IST

नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में एक व्यक्ति पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) में रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट मनीष गोयल (मनीष कुमार गोयल) पर यह जुर्माना लगा है. जिसे उन्हें 45 दिन के अंदर जमा करना होगा.

सेबी ने इस मामले में 46 पन्नों का एक आदेश जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि मनीष ने अपने रिसर्च एनालिस्ट पद का दुरुपयोग किया है. इस पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी सेवाओं के लिए शुल्क यानी चार्ज वसूला है. मनीष ने 583 ग्राहकों से 4.16 करोड़ रुपये जुटाए हैं. हालांकि, रिसर्च एनालिस्ट (आरए) के तौर पर वह मानदंडों की बुनियादी आवश्यकताओं का पालन करने में नाकमयाब रहे. उन्होंने सुनिश्चित रिटर्न का भी वादा किया और ग्राहकों को अपनी सेवाएं गलत तरीके से बेचीं.

नियामक Securities and Exchange Board (SEBI) ने पाया कि मनीष ने मैसेनजर एप व्हाट्सएप/टेलीग्राम पर विभिन्न समूहों के सदस्यों को आश्वासन दिया था कि अगर किसी विशेष स्टॉक रेकमेंडेशन के कारण किसी को नुकसान होता है, तो उन्हें एक स्टॉक Recommendation मुफ्त में मिलेगी. बता दें कि बाजार से जुड़ी एक्टिविटी या नियमों का उल्लंघन करने पर सेबी की ओर से किसी भी शख्स पर एक्शन लिया जाता है.

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(पीटीआई- भाषा)

नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में एक व्यक्ति पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) में रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट मनीष गोयल (मनीष कुमार गोयल) पर यह जुर्माना लगा है. जिसे उन्हें 45 दिन के अंदर जमा करना होगा.

सेबी ने इस मामले में 46 पन्नों का एक आदेश जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि मनीष ने अपने रिसर्च एनालिस्ट पद का दुरुपयोग किया है. इस पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी सेवाओं के लिए शुल्क यानी चार्ज वसूला है. मनीष ने 583 ग्राहकों से 4.16 करोड़ रुपये जुटाए हैं. हालांकि, रिसर्च एनालिस्ट (आरए) के तौर पर वह मानदंडों की बुनियादी आवश्यकताओं का पालन करने में नाकमयाब रहे. उन्होंने सुनिश्चित रिटर्न का भी वादा किया और ग्राहकों को अपनी सेवाएं गलत तरीके से बेचीं.

नियामक Securities and Exchange Board (SEBI) ने पाया कि मनीष ने मैसेनजर एप व्हाट्सएप/टेलीग्राम पर विभिन्न समूहों के सदस्यों को आश्वासन दिया था कि अगर किसी विशेष स्टॉक रेकमेंडेशन के कारण किसी को नुकसान होता है, तो उन्हें एक स्टॉक Recommendation मुफ्त में मिलेगी. बता दें कि बाजार से जुड़ी एक्टिविटी या नियमों का उल्लंघन करने पर सेबी की ओर से किसी भी शख्स पर एक्शन लिया जाता है.

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(पीटीआई- भाषा)

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