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सेबी ने एपेक्स ग्लोबल, उसके मालिक के प्रतिभूति बाजार में लेनदेन पर चार साल के लिए रोक लगाई

बाजार नियामक ने पाया था कि एपेक्स ग्लोबल और ठाकुर अपने ग्राहकों को निवेश परामर्श देने का काम कर रहे थे और इसके बदले शुल्क ले रहे थे. इस तरह वे निवेश सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे जबकि उन्होंने निवेश परामर्श सेवाओं के लिए नियामक मंजूरी नहीं ली थी, जो नियमों का उल्लंघन है.

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Published : Sep 29, 2022, 1:07 PM IST

नई दिल्ली : बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India - SEBI) ने 'द एपेक्स ग्लोबल' और उसके मालिक यदुनाथ सिंह ठाकुर के प्रतिभूति बाजार में लेनदेन करने पर चार साल के लिए रोक लगा दी है. सेबी ने कंपनी और उसके मालिक को अनधिकृत निवेश परामर्श सेवाओं के जरिए निवेशकों से जुटाया धन लौटाने का भी निर्देश दिया.

बाजार नियामक ने पाया था कि एपेक्स ग्लोबल और ठाकुर अपने ग्राहकों को निवेश परामर्श देने का काम कर रहे थे और इसके बदले शुल्क ले रहे थे. इस तरह वे निवेश सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे जबकि उन्होंने निवेश परामर्श सेवाओं के लिए नियामक मंजूरी नहीं ली थी, जो नियमों का उल्लंघन है.

सेबी ने बताया गया कि गैर-पंजीकृत निवेश परामर्श गतिविधियों और सेवाओं के जरिए उन्हें जून 2013 से दिसंबर 2019 के बीच 1.23 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. नियामक ने तीन महीने की अवधि में यह पैसा शिकायतकर्ताओं/निवेशकों को वापस लौटाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा कंपनी और ठाकुर के प्रतिभूति बाजार में चार साल तक लेनदेन करने पर भी रोक लगा दी गई है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India - SEBI) ने 'द एपेक्स ग्लोबल' और उसके मालिक यदुनाथ सिंह ठाकुर के प्रतिभूति बाजार में लेनदेन करने पर चार साल के लिए रोक लगा दी है. सेबी ने कंपनी और उसके मालिक को अनधिकृत निवेश परामर्श सेवाओं के जरिए निवेशकों से जुटाया धन लौटाने का भी निर्देश दिया.

बाजार नियामक ने पाया था कि एपेक्स ग्लोबल और ठाकुर अपने ग्राहकों को निवेश परामर्श देने का काम कर रहे थे और इसके बदले शुल्क ले रहे थे. इस तरह वे निवेश सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे जबकि उन्होंने निवेश परामर्श सेवाओं के लिए नियामक मंजूरी नहीं ली थी, जो नियमों का उल्लंघन है.

सेबी ने बताया गया कि गैर-पंजीकृत निवेश परामर्श गतिविधियों और सेवाओं के जरिए उन्हें जून 2013 से दिसंबर 2019 के बीच 1.23 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. नियामक ने तीन महीने की अवधि में यह पैसा शिकायतकर्ताओं/निवेशकों को वापस लौटाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा कंपनी और ठाकुर के प्रतिभूति बाजार में चार साल तक लेनदेन करने पर भी रोक लगा दी गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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