नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को कहा कि उसने अपने डिजिटल रुपी में ‘यूपीआई इंटरऑपरेबिलिटी’ लागू कर दी है. उसके डिजिटल रुपी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) कहा जाता है.
एसबीआई की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इस कदम से बैंक का मकसद अपने ग्राहकों को अभूतपूर्व सुविधा और पहुंच प्रदान करना है. ‘ई-रुपी बाय एसबीआई’ एप के माध्यम से ग्राहकों को यह अत्याधुनिक सुलभ सुविधा मिलेगी. ग्राहक बिना किसी परेशानी के किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को आसानी से ‘स्कैन’ करने में सक्षम होंगे और भुगतान कर पाएंगे.
बता दें, एसबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिजिटल ई-रुपी परियोजना में हिस्सा लेने वाले कुछ बैंकों में से एक है. SBI Bank के अलावा इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत ICICI Bank, यस बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदरा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा जैसी बैंकों को शामिल किया गया है.
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SBI allows UPI interoperability with digital Rupee for seamless transactions
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सीबीडीसी भारत का आधिकारिक डिजिटल करेंसी है. यानी CBDC आरबीआई की तरफ से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप है. पेपर करेंसी की तरह इसका भी लीगल टेंडर है. इसलिए इसका इस्तेमाल आम करेंसी की तरह ही लेन-देन में होगा. मौजूदा करेंसी के बराबर ही ई-रुपी की वैल्यू होगी. ई-रुपी वर्चुअल करेंसी (e-rupee virtual currency) है. इसलिए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से इसका ट्रांजेक्शन आसानी से किया जा सकता है. QR कोड स्कैन करके एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति या व्यापारी के साथ लेन- देन भी कर सकते है.
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(पीटीआई इनपुट के साथ)