ETV Bharat / business

US Bond Yields: अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी से भारत में पूंजी प्रवाह प्रभावित, जानें निवेशकों पर इसका असर - शेयर बाजार

भारत जैसे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह को अमेरिकी बांड यील्ड में तेजी प्रभावित करती है. इसका शेयर बाजार पर क्या असर पड़ेगा? निवेशकों को क्या करना चाहिए. बता रहे हैं जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के इंवेसमेंट स्ट्रैटर्जी प्लानर, पढे़ं पूरी खबर...

US Bond Yields
यूएस बॉन्ड यील्ड
author img

By

Published : Aug 22, 2023, 1:12 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिकी बांड यील्ड में तेज वृद्धि भारत जैसे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर रही है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है. उन्होंने आगे बताय कि भारतीय इक्वविटी बाजार को प्रभावित करने वाले दो फैक्टर्स हैं.

इक्विटी बाजारों को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक
एक, मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था वैश्विक विकास और वैश्विक इक्विटी बाजारों का समर्थन कर रही है, जो कि एक सकारात्मक बात है. दूसरा, अमेरिकी बांड यील्ड में तेज बढ़ोतरी (4.34 प्रतिशत, जो 2007 के बाद से सबसे अधिक है) भारत जैसे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर रही है. उन्होंने कहा, यह भारतीय बाजारों के लिए नकारात्मक संकेत है.

एफआईआई निवेश प्रभावित
विदेशी निवेशक foreign Institutional Investor (FII) भारत में तभी निवेश करेंगे, जब अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट आएगी. और ये अमेरिकी मुद्रास्फीति के रुझान और फेडरल रिजर्व के मौद्रिक रुख में नरमी के संकेत पर निर्भर करती है. विजयकुमार ने आगे कहा कि निवेशकों को इन रुझानों पर स्पष्टता का इंतजार करना चाहिए.

इस बीच, लंबी अवधि के निवेशक हाई वैल्यू स्टॉक जमा कर सकते हैं. लार्ज-कैप बैंकों का अब उचित मूल्य निर्धारण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूंजीगत सामान क्षेत्र में लार्ज-कैप की संभावनाएं उज्ज्वल हैं. मंगलवार सुबह बीएसई सेंसेक्स 54 अंक ऊपर 65,270 अंक पर है. एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस में 1 फीसदी से ज्यादा तेजी है.

ये भी पढ़ें-

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : अमेरिकी बांड यील्ड में तेज वृद्धि भारत जैसे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर रही है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है. उन्होंने आगे बताय कि भारतीय इक्वविटी बाजार को प्रभावित करने वाले दो फैक्टर्स हैं.

इक्विटी बाजारों को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक
एक, मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था वैश्विक विकास और वैश्विक इक्विटी बाजारों का समर्थन कर रही है, जो कि एक सकारात्मक बात है. दूसरा, अमेरिकी बांड यील्ड में तेज बढ़ोतरी (4.34 प्रतिशत, जो 2007 के बाद से सबसे अधिक है) भारत जैसे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर रही है. उन्होंने कहा, यह भारतीय बाजारों के लिए नकारात्मक संकेत है.

एफआईआई निवेश प्रभावित
विदेशी निवेशक foreign Institutional Investor (FII) भारत में तभी निवेश करेंगे, जब अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट आएगी. और ये अमेरिकी मुद्रास्फीति के रुझान और फेडरल रिजर्व के मौद्रिक रुख में नरमी के संकेत पर निर्भर करती है. विजयकुमार ने आगे कहा कि निवेशकों को इन रुझानों पर स्पष्टता का इंतजार करना चाहिए.

इस बीच, लंबी अवधि के निवेशक हाई वैल्यू स्टॉक जमा कर सकते हैं. लार्ज-कैप बैंकों का अब उचित मूल्य निर्धारण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूंजीगत सामान क्षेत्र में लार्ज-कैप की संभावनाएं उज्ज्वल हैं. मंगलवार सुबह बीएसई सेंसेक्स 54 अंक ऊपर 65,270 अंक पर है. एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस में 1 फीसदी से ज्यादा तेजी है.

ये भी पढ़ें-

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.