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खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई महीने में नरम होकर 6.71 प्रतिशत पर - महंगी ईएमआई

महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है. जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6.71 प्रतिशत रही है जबकि जून में 7.01 प्रतिशत थी. जबकि मई, 2022 में 7.04 प्रतिशत तो अप्रैल में 7.79 प्रतिशत थी.

relief from inflation
महंगाई से मिली राहत
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Published : Aug 12, 2022, 6:20 PM IST

Updated : Aug 12, 2022, 7:04 PM IST

नई दिल्ली : खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में नरम होकर 6.71 प्रतिशत पर आ गयी. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में महंगाई दर 7.01 प्रतिशत जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी. आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति भी जुलाई महीने में नरम पड़कर 6.75 प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि जून में यह 7.75 प्रतिशत थी.

हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. यह पिछले सात महीने से 6.0 प्रतिशत से ऊपर है. रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.0 प्रतिशत से ऊपर रही है.

खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लिमिट 6 फीसदी से ऊपर बना हुआ है. लेकिन राहत की बात ये है कि खुदरा महंगाई दर 2022-23 के अनुमान 6.70 फीसदी के करीब आ पहुंचा है. महंगाई दर में कमी के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले पर ब्रेक लग सकता है. माना जा रहा है कि महंगाई दर में और कमी आ सकती है. जिसके बाद आरबीआई को कर्ज महंगा करने की दरकार ना पड़े.

जुलाई महीने में शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर 6.69 फीसदी रहा है जो जून में 8.04 फीसदी पर रहा था. जबकि ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर 6.80 फीसदी रहा है जबकि जून में 7.61 फीसदी रहा था.

ये भी पढ़ें - मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर, थोक महंगाई दर में आई कमी, पढ़ें खबर

(इनपुट-एजेंसी)

नई दिल्ली : खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में नरम होकर 6.71 प्रतिशत पर आ गयी. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में महंगाई दर 7.01 प्रतिशत जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी. आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति भी जुलाई महीने में नरम पड़कर 6.75 प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि जून में यह 7.75 प्रतिशत थी.

हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. यह पिछले सात महीने से 6.0 प्रतिशत से ऊपर है. रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.0 प्रतिशत से ऊपर रही है.

खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लिमिट 6 फीसदी से ऊपर बना हुआ है. लेकिन राहत की बात ये है कि खुदरा महंगाई दर 2022-23 के अनुमान 6.70 फीसदी के करीब आ पहुंचा है. महंगाई दर में कमी के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले पर ब्रेक लग सकता है. माना जा रहा है कि महंगाई दर में और कमी आ सकती है. जिसके बाद आरबीआई को कर्ज महंगा करने की दरकार ना पड़े.

जुलाई महीने में शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर 6.69 फीसदी रहा है जो जून में 8.04 फीसदी पर रहा था. जबकि ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर 6.80 फीसदी रहा है जबकि जून में 7.61 फीसदी रहा था.

ये भी पढ़ें - मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर, थोक महंगाई दर में आई कमी, पढ़ें खबर

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 12, 2022, 7:04 PM IST
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