मुंबई : आप क्या करेंगे यदि शिकायत दर्ज करने के बाद भी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियां (CIC)और क्रेडिट संस्थान आपकी Credit Report में सुधार नहीं करती है. अब आपकी इस परेशानी का हल आरबीआई ने ढूंढ निकाला है. RBI ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियां (CIC)और क्रेडिट संस्थान के लिए नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं. इन निर्देशों के तहत यदि शिकायतकर्ता की ओर से सीआई/सीआईसी के पास शिकायत दर्ज करने की प्रारंभिक तारीख से तीस (30) कार्य दिवसों के अंदर समाधान नहीं हुआ तो सीआई/सीआईसी को मुआवजा देना होगा. आरबीआई के अनुसार, शिकायतकर्ता 30 दिनों के बाद हर दिन की देरी के लिए प्रतिदिन ₹100 के मुआवजे के हकदार होंगे.
क्या है CIC ?
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कम्पनियां CIC लोन क्रेडिट कार्ड से संबंध में लोगों और कंपनियों के सार्वजनिक डेटा, क्रेडिट का लेनदेन पेमेंट से रिलेटेड हिस्ट्री को कलैक्ट करती है. इन आकड़ों के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट बनाती है. बता दें, आपकी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (CIR) की लोन आवेदन प्रक्रिया में बहुत बड़ी भुमिका होती है. इसलिए क्रेडिट स्कोर खराब होने पर लोन मिलने में परेशानी होती है.
RBI ने गाइडलाइन किया जारी
CIC ग्राहकों को SMS/EMAIL के माध्यम से अलर्ट भेजेगा जब उनकी CIR स्पेसिफिक यूर्जस के जरिए एक्सेस की जाएगी. CI मौजूदा क्रेडिट सुविधाओं में डिफॉल्ट या ईएमआई पेमेंट में हुई देरी या डिफ्लाट (DPD) के बारे में CIC को जानकारी देते समय ग्राहकों को SMS/EMAIL के जरिए अलर्ट भेजेंगे.
ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए क्रेडिट का काम करने वाली कंपनियों के पास CIC के लिए एक समर्पित नोडल संपर्क अधिकारी होगा. क्रेडिट कंपनियां इस संपर्क अधिकारी के EMAIL ID और Telephone/Mob.No के साथ उसके बारे में सारी जानकारी CIC को देंगी. आरबीआई की ओर से निर्देश दिया गया है कि सीआई/सीआईसी सभी मामलों में शिकायतकर्ता को कार्रवाई के बारे में जानकारी देगी.
आरबीआई की ओर से कहा गया है कि सीआई/सीआईसी को उन शिकायतकर्ताओं को भी जानकारी देनी है जिनकी शिकायतें खारिज कर दी गई है. इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है कि शिकायत निरस्त करने की स्थिति में सीआई/सीआईसी को शिकायतकर्ता को इसका उचित कारण बताना होगा.
RBI ने कहा है कि ये दिशा-निर्देश इस सर्कुलर के तारीख से छह (6) महीने बाद प्रभावी होंगे. सीआईसी और सीआई को इस अवधि के भीतर नई व्यवस्था को लागू करने करने के लिए आवश्यक सिस्टम और प्रक्रियाएं स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया है. आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि सीआईसी/सीआई में से जो भी उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाये जायेंगे सीआईसीआरए, 2005 के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे.