नई दिल्ली : रिलायंस जियो अपने 5-G प्रोजेक्ट पर पूरी तरह से ध्यान लगाए हुए है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी दूरसंचार इकाई जियो इन्फोकॉम ने विदेशी मुद्रा लोन के रूप में विभिन्न बैंकों के समूह से दो बार में कुल पांच अरब डॉलर जुटाए हैं. जो भारत के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा सिंडिकेट कर्ज (बैंकों/वित्तीय संस्थानों के समूह से लिया गया ऋण) है.
पांच अरब डॉलर का कर्ज : सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह रिलायंस ने 55 बैंकों से तीन अरब डॉलर जुटाए थे, वहीं रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने 18 बैंकों से अतिरिक्त दो अरब डॉलर का कर्ज लिया है. उन्होंने बताया कि तीन अरब डॉलर का कर्ज 31 मार्च तक लिया जा चुका था. जबकि दो अरब डॉलर इसी हफ्ते मंगलवार को जुटाए गए हैं. रिलायंस जियो इस कोष का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय के लिए करेगी और जियो देशभर में 5जी नेटवर्क शुरू करने पर यह राशि खर्च करेगी.
73 बैंकों से लिया कर्ज : सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक रूप से तीन अरब डॉलर का ऋण 55 ऋणदाताओं से जुटाया गया. जिनमें ताइवान के करीब दो दर्जन बैंकों के अलावा बैंक ऑफ अमेरिका, एचएसबीसी, एमयूएफजी, सिटी, एसएमबीसी, मिझुहो और क्रेडिट एग्रिकोल जैसे वैश्विक बैंक शामिल हैं. प्राथमिक कर्ज को मिली बढ़िया प्रतिक्रिया के बाद दो अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज लेने का फैसला हुआ. इसके बाद, दो अरब डॉलर का नया कर्ज भी 55 कर्जदाताओं से समान शर्तों पर लिया गया.
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