नई दिल्ली : आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक 6 से 8 दिसंबर तक चलने वाली है. इस बैठक में रेपो रेट को बढ़ाने या घटाने पर चर्चा की जाएगी. लेकिन इस बार उम्मीद है कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) अपनी आगामी बैठक में नीतिगत रेपो रेट को स्थिर रखेगी. क्योंकि नवीनतम खुदरा मुद्रास्फीति रीडिंग और खाद्य मुद्रास्फीति चार महीने के निचले स्तर पर पहुंचने के बावजूद, अभी भी अपने तय क्षेत्र से ऊपर है और इसके बढ़ने का जोखिम है. इसके अलावा, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि मौजूदा ब्याज दर स्तर पर बनी हुई है, एमपीसी मई 2022-फरवरी 2023 की अवधि के दौरान प्रभावी 250 आधार अंकों की संचयी रेपो दर बढ़ोतरी को पूरी तरह से उधार दरों में स्थानांतरित करना चाह सकती है.
कब होगी बैठक ?
छह सदस्यीय एमपीसी बैठक 6 से 8 दिसंबर, 2023 तक होने वाली है. इस वित्तीय वर्ष (FY24) में आरबीआई ने पिछले कई बार से रेपो रेट को स्थिर ही रखा है. पिछली बार एमपीसी ने रेपो रेट फरवरी 2023 में बढ़ाई थी, जब उसने इसे 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. बता दें कि सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) आधारित मुद्रास्फीति (या खुदरा मुद्रास्फीति) सितंबर में 5.02 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में 4 महीने के निचले स्तर 4.87 फीसदी पर आ गई है.
पांचवीं बार अपरिवर्तित रह सकती है रेपो रेट
हालांकि, नए मुद्रास्फीति रीडिंग दर-निर्धारण समिति के लिए हल्की राहत है, जो टिकाऊ आधार पर मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के लक्ष्य पर केंद्रित है. इसलिए, एमपीसी द्वारा रेपो दर को अपरिवर्तित छोड़ने की संभावना है, भले ही वह पिछली दर बढ़ोतरी के संचरण को सुनिश्चित करने के लिए समायोजन को वापस लेने पर केंद्रित है. अगर इस बार रेपो रेट नहीं बढ़ाया जाता है तो यह लगातार पांचवी बार होगी जब रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखा जाएगा.