मुंबई : बैंकों को रेगुलेट करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ नियम बनाए हैं. जिनकी अनदेखी करने पर आरबीआई कड़ी कार्रवाई करता है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के एक सहकारी बैंक का है. यूनाइटेड इंडिया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर नियमों की अनदेखी करने के तहत लाइसेंस रद्द किया गया है. बता दें कि यह पहला मामला नहीं, आरबीआई इससे पहले भी चार बैंकों का लाइसेंस रद्द कर चुका है.
इन कारणों से रद्द हुआ लाइसेंस
यूनाइटेड इंडिया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पास पर्याप्त पूंजी न होने और कमाई की संभावना कम होने के आधार पर आरबीआई ने यह कदम उठाया है. आरबीआई ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि लाइसेंस रद्द होने से बैंक बुधवार की शाम से कारोबार नहीं कर पाएगा.
जमाकर्ता बैंक से इतने लाख रुपये लेने के हकदार
ऐसे में जमाकर्ता के मन में सवाल आएगा कि उनके पैसों का क्या होगा? तो आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से बीमा दावे के तहत पांच लाख रुपये की सीमा तक अपनी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे. पहले यह रकम 1 लाख रुपये तक थी. जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया. डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर में कॉमर्शियल बैंकों, लोकल एरिया बैंक, रीजनल और सहकारी बैंक समेत सभी बैंकों के डिपॉजिट्स शामिल हैं.
अब तक 5 सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द
नियमों की अनदेखी करने के तहत आरबीआई चालू वित्त वर्ष में जुलाई माह में अबतक 5 सहकारी बैंकों के लाइसेंस कैंसिल कर चुका है. जिसमें कर्नाटक का शारदा महिला सहकारी बैंक, बुलढाणा का मलकापुर शहरी सहकारी बैंक शामिल हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के सतारा में स्थित हरिहरेश्वर बैंक, बेंगलुरु स्थित सुश्रुति सौहार्द सहकारी बैंक के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है और पांचवा मामला यूपी के यूनाइटेड इंडिया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का है.