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Purchasing Managers Index: जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में नरमी: पीएमआई - जनवरी माह में पीएमआई

भारत सरकार द्वारा जारी मासिक सर्वेक्षण में इस बात की जानकारी दी गई है कि कुल बिक्री में धीमी वृद्धि के बीच देश के मैन्युफेक्चरिंग क्षेत्र में नरमी देखी गई है. जनवरी माह में पीएमआई घटकर 55.4 रह गया है.

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Published : Feb 1, 2023, 3:40 PM IST

नई दिल्ली: कुल बिक्री में धीमी वृद्धि के बीच देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में जनवरी माह के दौरान नरमी रही. बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है. भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जनवरी माह में घटकर 55.4 रह गया. इससे पहले दिसंबर में यह 57.8 पर था. पिछले महीने उत्पादन और नये ऑर्डर की रफ्तार धीमी रही. पीएमआई आंकड़े के अनुसार, लगातार 19वें महीने के लिए समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार हुआ है.

पीएमआई में आंकड़ा 50 से ऊपर रहने का अर्थ है कि कारोबारी गतिविधियों में विस्तार हुआ है, जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट हुई है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की सहायक निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, 'चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) के चलते वृद्धि गति धीमी रहने के बावजूद, क्षेत्र शीघ्र विस्तार के लिए तैयार है.'

पढ़ें: Budget 2023 : नई टैक्स व्यवस्था क्या होगी, आसान भाषा में समझें

विस्तार की दर दिसंबर 2022 के मुकाबले धीमी रही है, लेकिन यह अपने लंबे समय के औसत से ऊपर रही. लीमा ने कहा, 'कंपनियां बढ़ते बकाया ऑर्डर और अतिरिक्त खरीद को देखते हुए आने वाले महीनों में उत्पादन बढ़ाएंगी. कम चुनौतीपूर्ण आपूर्ति-श्रृंखला की स्थिति का मतलब है कि कंपनियां जरूरी कच्चा माल हासिल करने में सफल रहेंगी.' रोजगार के मोर्चे पर भर्तियों को मोटे तौर पर अपरिवर्तित छोड़ दिया गया, क्योंकि बताया गया कि क्षमताएं वर्तमान जरूरतों के लिए पर्याप्त थीं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कुल बिक्री में धीमी वृद्धि के बीच देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में जनवरी माह के दौरान नरमी रही. बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है. भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जनवरी माह में घटकर 55.4 रह गया. इससे पहले दिसंबर में यह 57.8 पर था. पिछले महीने उत्पादन और नये ऑर्डर की रफ्तार धीमी रही. पीएमआई आंकड़े के अनुसार, लगातार 19वें महीने के लिए समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार हुआ है.

पीएमआई में आंकड़ा 50 से ऊपर रहने का अर्थ है कि कारोबारी गतिविधियों में विस्तार हुआ है, जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट हुई है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की सहायक निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, 'चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) के चलते वृद्धि गति धीमी रहने के बावजूद, क्षेत्र शीघ्र विस्तार के लिए तैयार है.'

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विस्तार की दर दिसंबर 2022 के मुकाबले धीमी रही है, लेकिन यह अपने लंबे समय के औसत से ऊपर रही. लीमा ने कहा, 'कंपनियां बढ़ते बकाया ऑर्डर और अतिरिक्त खरीद को देखते हुए आने वाले महीनों में उत्पादन बढ़ाएंगी. कम चुनौतीपूर्ण आपूर्ति-श्रृंखला की स्थिति का मतलब है कि कंपनियां जरूरी कच्चा माल हासिल करने में सफल रहेंगी.' रोजगार के मोर्चे पर भर्तियों को मोटे तौर पर अपरिवर्तित छोड़ दिया गया, क्योंकि बताया गया कि क्षमताएं वर्तमान जरूरतों के लिए पर्याप्त थीं.

(पीटीआई-भाषा)

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