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एनपीए घटने से जून तिमाही में सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा फंसे कर्ज में लगातार गिरावट के कारण जून तिमाही में बढ़ गया. यह जानकारी एक विश्लेषण में कही गई. इस दौरान 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 15,306 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया.

PSU banks profit increased
सरकारी बैंक मुनाफा बढ़ा
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Published : Aug 11, 2022, 6:59 PM IST

नई दिल्ली: फंसे कर्ज में लगातार गिरावट के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा जून तिमाही में बढ़ गया है. एक विश्लेषण में कहा गया है कि आने वाली तिमाहियों में इसका बैंकों के बही-खातों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है. सरकारी बैंकों के तिमाही वित्तीय आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, जून तिमाही में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) और शुद्ध एनपीए सबसे कम रहा. कुल मिलाकर सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जून तिमाही में लगभग 15,306 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, जिसमें 9.2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, इस दौरान एसबीआई और पीएनबी के मुनाफे में कमी हुई.

पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सरकारी बैंकों ने कुल 14,013 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था. विश्लेषण के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बीओएम और एसबीआई का सकल एनपीए उनके कुल कर्ज के मुकाबले क्रमशः 3.74 प्रतिशत और 3.91 प्रतिशत रहा. जून के अंत में इन बैंकों का शुद्ध एनपीए घटकर क्रमशः 0.88 प्रतिशत और एक प्रतिशत रह गया. दूसरे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 6.26 प्रतिशत से 14.90 प्रतिशत के बीच था.

यह भी पढ़ें-देश के सबसे बड़े बैंक को पहली तिमाही में घाटा, जानें कितना हुआ?

जून तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का सकल एनपीए 6.26 प्रतिशत और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का सकल एनपीए 14.90 प्रतिशत था. ये दोनों बैंक अब भी भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी में हैं. अधिकांश बैंकों का शुद्ध एनपीए उनके कुल ऋण या अग्रिम के मुकाबले तीन प्रतिशत से कम था. सिर्फ तीन बैंकों - यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (3.31 प्रतिशत), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (3.93 प्रतिशत) और पंजाब नेशनल बैंक (4.28 प्रतिशत) का शुद्ध एनपीए तीन प्रतिशत से अधिक रहा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: फंसे कर्ज में लगातार गिरावट के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा जून तिमाही में बढ़ गया है. एक विश्लेषण में कहा गया है कि आने वाली तिमाहियों में इसका बैंकों के बही-खातों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है. सरकारी बैंकों के तिमाही वित्तीय आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, जून तिमाही में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) और शुद्ध एनपीए सबसे कम रहा. कुल मिलाकर सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जून तिमाही में लगभग 15,306 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, जिसमें 9.2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, इस दौरान एसबीआई और पीएनबी के मुनाफे में कमी हुई.

पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सरकारी बैंकों ने कुल 14,013 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था. विश्लेषण के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बीओएम और एसबीआई का सकल एनपीए उनके कुल कर्ज के मुकाबले क्रमशः 3.74 प्रतिशत और 3.91 प्रतिशत रहा. जून के अंत में इन बैंकों का शुद्ध एनपीए घटकर क्रमशः 0.88 प्रतिशत और एक प्रतिशत रह गया. दूसरे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 6.26 प्रतिशत से 14.90 प्रतिशत के बीच था.

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जून तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का सकल एनपीए 6.26 प्रतिशत और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का सकल एनपीए 14.90 प्रतिशत था. ये दोनों बैंक अब भी भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी में हैं. अधिकांश बैंकों का शुद्ध एनपीए उनके कुल ऋण या अग्रिम के मुकाबले तीन प्रतिशत से कम था. सिर्फ तीन बैंकों - यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (3.31 प्रतिशत), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (3.93 प्रतिशत) और पंजाब नेशनल बैंक (4.28 प्रतिशत) का शुद्ध एनपीए तीन प्रतिशत से अधिक रहा.

(पीटीआई-भाषा)

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