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अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद देश में ईंधन कीमतें स्थिर : पुरी

अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद ईंधन कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. ये बात पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एलपीजी की कीमत 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए जाने के एक दिन बाद कही.

हरदीप सिंह पुरी
हरदीप सिंह पुरी
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Published : Jul 7, 2022, 10:32 PM IST

नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि गैस कीमतों को अलग कर नहीं देखा जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद ईंधन कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. खाना पकाने की गैस एलपीजी का दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए जाने के एक दिन बाद उन्होंने यह बात कही. संवाददाता सम्मेलन में एलपीजी की कीमतों में तेज वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि सरकार निरंतर गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रही है. देश में कहीं भी ईंधन की कमी नहीं है.

उन्होंने वैश्विक ऊर्जा दरों में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा, "आप गैस कीमतों को अलग करके नहीं देख सकते." वैश्विक बाजारों में ऊंचे दाम के कारण घरेलू बाजार में गैस की कीमतें बढ़ी है. बिना सब्सिडी वाले एलपीजी के दाम एक साल में 244 रुपये या 30 प्रतिशत बढ़े हैं. अब 14.2 किलो सिलेंडर की कीमत 1,053 रुपये है. एलपीजी के दाम में वृद्धि का कोई सीधा हवाला देते हुए बिना पुरी ने कहा कि सब्सिडी विशिष्ट लक्षित लाभार्थियों के लिये कुछ निश्चित अवधि तक ही होती है.

मंत्री ने कहा कि कुछ देशों को ईंधन आपूर्ति संकट का सामना करना पड़ा. लेकिन भारत को पूर्वोत्तर सहित देश के किसी भी भाग में ईंधन की कोई कमी नहीं हुई. उन्होंने कहा, "हम कीमतों को स्थिर रखने में सफल रहे हैं." हालांकि, खाना पकाने की गैस के दाम पिछले एक साल में आठ बार बढ़े हैं, लेकिन वे लागत के अनुरूप नहीं है.

रूस के इस साल फरवरी में यूक्रेन पर हमले से आपूर्ति बाधित होने की आशंका में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और गैस के दाम बढ़े है. दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश अमेरिका में मंदी की चर्चा के बाद से हाल के दिनों में ईंधन के दाम कम होने शुरू हुए हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले कुछ समय से स्थिर बने हुए हैं. मई में सरकार ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये पेट्रोल पर आठ रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि गैस कीमतों को अलग कर नहीं देखा जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद ईंधन कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. खाना पकाने की गैस एलपीजी का दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए जाने के एक दिन बाद उन्होंने यह बात कही. संवाददाता सम्मेलन में एलपीजी की कीमतों में तेज वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि सरकार निरंतर गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रही है. देश में कहीं भी ईंधन की कमी नहीं है.

उन्होंने वैश्विक ऊर्जा दरों में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा, "आप गैस कीमतों को अलग करके नहीं देख सकते." वैश्विक बाजारों में ऊंचे दाम के कारण घरेलू बाजार में गैस की कीमतें बढ़ी है. बिना सब्सिडी वाले एलपीजी के दाम एक साल में 244 रुपये या 30 प्रतिशत बढ़े हैं. अब 14.2 किलो सिलेंडर की कीमत 1,053 रुपये है. एलपीजी के दाम में वृद्धि का कोई सीधा हवाला देते हुए बिना पुरी ने कहा कि सब्सिडी विशिष्ट लक्षित लाभार्थियों के लिये कुछ निश्चित अवधि तक ही होती है.

मंत्री ने कहा कि कुछ देशों को ईंधन आपूर्ति संकट का सामना करना पड़ा. लेकिन भारत को पूर्वोत्तर सहित देश के किसी भी भाग में ईंधन की कोई कमी नहीं हुई. उन्होंने कहा, "हम कीमतों को स्थिर रखने में सफल रहे हैं." हालांकि, खाना पकाने की गैस के दाम पिछले एक साल में आठ बार बढ़े हैं, लेकिन वे लागत के अनुरूप नहीं है.

रूस के इस साल फरवरी में यूक्रेन पर हमले से आपूर्ति बाधित होने की आशंका में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और गैस के दाम बढ़े है. दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश अमेरिका में मंदी की चर्चा के बाद से हाल के दिनों में ईंधन के दाम कम होने शुरू हुए हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले कुछ समय से स्थिर बने हुए हैं. मई में सरकार ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये पेट्रोल पर आठ रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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