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पेंशनभोगियों ने 1.15 करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किए - केंद्र सरकार

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By PTI

Published : Dec 1, 2023, 4:55 PM IST

लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक से 30 नवंबर तक दूसरे चरण के राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान के सफल समापन के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग को बधाई दी. पढ़ें पूरी खबर... (1.15 crore digital life certificates ready, Minister of State for Pension Jitendra Singh, Nationwide Digital Life Certificate (DLC) Campaign, Pensioners Welfare Department)

Pensioners Welfare Department
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग

नई दिल्ली : हाल में संपन्न विशेष अभियान के दौरान देश भर में पेंशनभोगियों ने 1.15 करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किये हैं. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है. केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक से 30 नवंबर तक दूसरे चरण के Nationwide Digital Life Certificate (डीएलसी) अभियान के सफल समापन के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग को बधाई दी. कार्मिक मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए अभियान चलाया गया था.

पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाने का लक्ष्य
पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार पेंशनभोगियों के कल्याण में सुधार के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है. यह अभियान पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. राष्ट्रव्यापी अभियान के दौरान 100 शहरों में 597 स्थानों पर 1.15 करोड़ डीएलसी उत्पन्न हुए, जिनमें केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 38.47 लाख, राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 16.15 लाख और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पेंशनभोगियों के लिए 50.91 लाख डीएलसी शामिल थे.

इतने पेंशनभोगियों ने डिजिटल माध्यम का किया इस्तेमाल
बयान में कहा गया कि डीएलसी जमा करना निरंतर चलने वाली गतिविधि है क्योंकि 35 लाख से अधिक रक्षा पेंशनभोगी अपनी सेवानिवृत्ति के महीने में जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं. मार्च 2024 तक, उम्मीद है कि कुल डीएलसी का आंकड़ा 50 लाख को पार कर जाएगा. बयान में कहा गया है कि डीएलसी की आयु-वार पीढ़ी के विश्लेषण (age-wise generation analysis) से पता चलता है कि 90 साल से अधिक उम्र के 24,000 से अधिक पेंशनभोगियों ने डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल किया है. डीएलसी के लिए सबसे आगे महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य है, जिन्होंने 5.07 लाख, 4.55 लाख और 2.65 लाख डीएलसी उत्पन्न किए हैं.

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नई दिल्ली : हाल में संपन्न विशेष अभियान के दौरान देश भर में पेंशनभोगियों ने 1.15 करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किये हैं. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है. केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक से 30 नवंबर तक दूसरे चरण के Nationwide Digital Life Certificate (डीएलसी) अभियान के सफल समापन के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग को बधाई दी. कार्मिक मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए अभियान चलाया गया था.

पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाने का लक्ष्य
पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार पेंशनभोगियों के कल्याण में सुधार के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है. यह अभियान पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. राष्ट्रव्यापी अभियान के दौरान 100 शहरों में 597 स्थानों पर 1.15 करोड़ डीएलसी उत्पन्न हुए, जिनमें केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 38.47 लाख, राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 16.15 लाख और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पेंशनभोगियों के लिए 50.91 लाख डीएलसी शामिल थे.

इतने पेंशनभोगियों ने डिजिटल माध्यम का किया इस्तेमाल
बयान में कहा गया कि डीएलसी जमा करना निरंतर चलने वाली गतिविधि है क्योंकि 35 लाख से अधिक रक्षा पेंशनभोगी अपनी सेवानिवृत्ति के महीने में जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं. मार्च 2024 तक, उम्मीद है कि कुल डीएलसी का आंकड़ा 50 लाख को पार कर जाएगा. बयान में कहा गया है कि डीएलसी की आयु-वार पीढ़ी के विश्लेषण (age-wise generation analysis) से पता चलता है कि 90 साल से अधिक उम्र के 24,000 से अधिक पेंशनभोगियों ने डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल किया है. डीएलसी के लिए सबसे आगे महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य है, जिन्होंने 5.07 लाख, 4.55 लाख और 2.65 लाख डीएलसी उत्पन्न किए हैं.

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