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OMCs ने इथेनॉल खरीद मूल्य को बढ़ाया, जानें क्यों बढ़ रहा प्राइस

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 30, 2023, 11:04 AM IST

Oil ministry- राज्य द्वारा संचालित ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने इथेनॉल उत्पादन को अधिकतम करने और पेट्रोल के साथ बेंल्डिंग करने के लिए इसकी उपलब्धता में सुधार करने के लिए 2023-24 आपूर्ति सीजन इथेनॉल की खरीद कीमत 6.87 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है. पढ़ें पूरी खबर...

Ethanol
इथेनॉल

नई दिल्ली: राज्य द्वारा संचालित ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने सी हेवी मोलासेस से बने इथेनॉल के रेट बढ़ा दिया है. कंपनियों ने इथेनॉल उत्पादन को अधिकतम करने और पेट्रोल के साथ बेंल्डिंग करने के लिए इसकी उपलब्धता में सुधार करने के लिए 2023-24 आपूर्ति सीजन इथेनॉल की खरीद कीमत 6.87 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है. लेटेस्ट प्राइस वृद्धि से कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर हो गई है. इससे पहले जो पिछले साल घोषित पिछले सीजन की 49.41 रुपये प्रति लीटर से अधिक है.

  • In order to maximize #ethanol production from C molasses route and improve the overall availability of ethanol for #EthanolBlendedPetrolProgramme, Public Sector Oil Marketing Companies announce an incentive of Rs 6.87 per litre for ethanol from C heavy molasses. C molasses is a… pic.twitter.com/crkNtwlZ5l

    — Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह कदम तब आया है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का लक्ष्य 2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल के वर्तमान स्तर 10 फीसदी से 20 फीसदी बेंल्डिंग प्राप्त करना है. पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने कहा कि सी गुड़, चीनी कारखाने का एक उपोत्पाद और इथेनॉल उत्पादन के लिए इसका उपयोग, ग्रीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका है.

दुनिया में इथेनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
बता दें कि भारत, जो दुनिया में इथेनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर जोर दे रहा है. इससे घरेलू स्तर पर किया जा सकता है क्योंकि देश अपनी तेल जरूरतों का लगभग 85 फीसदी आयात करता है. जबकि भारत ने लक्ष्य से पहले 10 फीसदी सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है और सरकार 20 फीसदी बेंल्डिंग के अपने अगले लक्ष्य को लेकर उत्साहित है.

वहीं, उद्योग के खिलाड़ियों का मानना है कि आगे कुछ चुनौतियां होंगी. इथेनॉल, एक जैव ईंधन, मकई, कृषि अवशेषों, जैसे मकई और चावल के डंठल, और कुछ भारी गुड़ - चीनी उत्पादन का एक उपोत्पाद - से भी उत्पादित किया जाता है.

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नई दिल्ली: राज्य द्वारा संचालित ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने सी हेवी मोलासेस से बने इथेनॉल के रेट बढ़ा दिया है. कंपनियों ने इथेनॉल उत्पादन को अधिकतम करने और पेट्रोल के साथ बेंल्डिंग करने के लिए इसकी उपलब्धता में सुधार करने के लिए 2023-24 आपूर्ति सीजन इथेनॉल की खरीद कीमत 6.87 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है. लेटेस्ट प्राइस वृद्धि से कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर हो गई है. इससे पहले जो पिछले साल घोषित पिछले सीजन की 49.41 रुपये प्रति लीटर से अधिक है.

  • In order to maximize #ethanol production from C molasses route and improve the overall availability of ethanol for #EthanolBlendedPetrolProgramme, Public Sector Oil Marketing Companies announce an incentive of Rs 6.87 per litre for ethanol from C heavy molasses. C molasses is a… pic.twitter.com/crkNtwlZ5l

    — Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह कदम तब आया है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का लक्ष्य 2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल के वर्तमान स्तर 10 फीसदी से 20 फीसदी बेंल्डिंग प्राप्त करना है. पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने कहा कि सी गुड़, चीनी कारखाने का एक उपोत्पाद और इथेनॉल उत्पादन के लिए इसका उपयोग, ग्रीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका है.

दुनिया में इथेनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
बता दें कि भारत, जो दुनिया में इथेनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर जोर दे रहा है. इससे घरेलू स्तर पर किया जा सकता है क्योंकि देश अपनी तेल जरूरतों का लगभग 85 फीसदी आयात करता है. जबकि भारत ने लक्ष्य से पहले 10 फीसदी सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है और सरकार 20 फीसदी बेंल्डिंग के अपने अगले लक्ष्य को लेकर उत्साहित है.

वहीं, उद्योग के खिलाड़ियों का मानना है कि आगे कुछ चुनौतियां होंगी. इथेनॉल, एक जैव ईंधन, मकई, कृषि अवशेषों, जैसे मकई और चावल के डंठल, और कुछ भारी गुड़ - चीनी उत्पादन का एक उपोत्पाद - से भी उत्पादित किया जाता है.

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