मुंबई: देश में त्योहार सीजन शुरू हो गया है. अब 3 से 4 महीने तक त्योहारी सीजन चलेगा. सेलिब्रेशन का सिलसिला गणेश चतुर्थी के साथ शुरू हो गया है. लेकिन त्योहार सीजन शुरू होने से पहले ही आम लोगों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है. आने वाले दिनों में आम लोगों का रसोई के बजट पर भारी असर दिख सकता है. क्योंकि रसोई में इस्तेमाल होने वाला प्याज का भाव बढ़ने वाला है. प्याज के भाव में पहली बार इजाफा नहीं हुआ है. हर साल त्योहार सीजन में कीमतों में बढ़ोतरी होती है. इस साल भी कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है.
बारिश कम होने से फसल को काफी नुकसान हुआ है. इसका सीधा असर प्याज के कीमतों पर भी दिख सकता है. इस बात को सरकार भी समझती है कि प्याज के भाव आम आदमी के आंसू निकाल सकते है. इस कारण से सरकार भी प्याज के दामों को लेकर सक्रिय है ताकि बढ़ते कीमतों को काबू करने का प्रयास कर सके. हालांकि सरकार के प्रयास बेअसर भी साबित हो सकते है क्योंकि व्यापारियों ने कुछ ऐसा कदम उठा लिया है. महाराष्ट्र का नासिक जिला प्याज के केंद्र के रूप में जाना जाता है.
प्याज व्यापारियों ने शुरू किया अनिश्चितकालीन हड़ताल
प्याज की कई थोक मंडिया जिले में हैं और वे इसकी खुदका कीमतों पर बहुत असर रखती हैं. नासिक जिले की 15 मंडियों में प्याज खरीदने वाले 500 से ज्यादा व्यापारियों ने बुधवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की है. प्याज व्यापारी मंडी में होने वाली प्याज नीलामियों में हिस्सा नहीं ले रहे है, जिससे देश के अलग-अलग जगहों पर इसका सीधा असर दिखेगा. इसी बीच त्योहार सीजन भी शुरू हो गया है, जिससे प्याज की मांग भी बढ़ गई है. ऐसे में पूरे देश में सप्लाई अफेक्ट होने से प्याज के खुदरा कीमतें अनियंत्रित हो सकती है.
प्याज व्यापारियों का सरकार पर आरोप
बता दें कि सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए एनसीसीएफ और नाफेड को बफर स्टॉक बढ़ाने का निर्देश जारी किया था. वहीं, नासिक प्याज व्यापारियों का कहना है कि दोनों एजेंसियों ने बफर स्टॉक के लिए 3 लाख क्विंटल प्याज खरीदारी की है और 2 लाख प्याज खरीदने को तैयार हैं. व्यापारियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि दोनों एजेंसियां ये प्याज अन्य मंडी में 1500 रुपये क्विंटल के हिसाब से बेच रहे है. और वहीं, नासिक थोक मंडियों में खरीदी भाव 2000 रुपये प्रति क्विंटल है. ऊपर से व्यापारियों को ट्रांसपोर्ट और लेबर कॉस्ट भी देना पड़ता है. ऐसे में प्याज व्यापारियों को नुकसान हो रहा है.