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देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि अक्टूबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंची: PMI

भारत में विनिर्माण (Manufacturing) की गतिविधियां अक्टूबर महीने में आठ महीने के निचले स्तर पर रहीं है. नए ऑर्डर में नरमी के कारण उत्पादन वृद्धि में काफी कमी आई है. पढ़े पूरी खबर... (India's manufacturing sector, Purchasing Managers' Index (PMI), S&P Global India Manufacturing)

SandP Global India Manufacturing
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि अक्टूबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंची
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By PTI

Published : Nov 1, 2023, 1:12 PM IST

नई दिल्ली: भारत में विनिर्माण (Manufacturing) की गतिविधियां अक्टूबर महीने में आठ महीने के निचले स्तर पर रहीं है. नए ऑर्डर में नरमी के कारण उत्पादन वृद्धि में काफी कमी आई है. बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. मौसमी रूप से समायोजित S&P Global India Manufacturing खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) अक्टूबर में गिरकर 55.5 पर आ गया है, जो सितंबर में 57.5 था. वहीं, अक्टूबर में यह आठ महीने के निचले स्तर पर रहा.

SandP Global India Manufacturing
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि अक्टूबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंची

उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर
बता दें, अक्टूबर पीएमआई डेटा (Purchasing Managers' Index (PMI) ने लगातार 28वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार की ओर इशारा किया है. पीएमआई की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर होने का मतलब एक्सपेंशन है जबकि 50 से नीचे होना कन्ट्रैक्शन को दर्शाता है. S & P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि नया ऑर्डर सूचकांक एक साल के निचले स्तर पर फिसल गया. कुछ कंपनियों ने अपने उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर की है.

SandP Global India Manufacturing
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि अक्टूबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंची

कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर
सर्वेक्षण के अनुसार कुल नए ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात, खरीदारी के स्तर और खरीद में धीमी ही सही पर पर्याप्त बढ़ोतरी हुई है. नियुक्ति गतिविधि फीकी पड़ गई और कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, अक्टूबर के आंकड़ों में सितंबर के बाद से वृद्धि में गिरावट का संकेत है. वास्तविक सबूतों से पता चलता है कि कुछ उत्पादों की धीमी मांग और भयंकर प्रतिस्पर्धा ने तेजी को रोक दिया है.

रोजगार सृजन की दर धीमी
नौकरियों की बात की जाए तो चार प्रतिशत से भी कम कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा और 95 प्रतिशत ने कार्यबल संख्या अपरिवर्तित रही. रोजगार सृजन की दर मामूली और अप्रैल के बाद से सबसे धीमी है. कीमतों की बात करें तो लागत दबाव बढ़ा है, जबकि ‘आउटपुट’ मूल्य मुद्रास्फीति कम हो गई.

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भारतीय कंपनियों को कुछ शर्तों के अधीन विदेशी मुद्रा पर सूचीबद्ध होने की अनुमति

नई दिल्ली: भारत में विनिर्माण (Manufacturing) की गतिविधियां अक्टूबर महीने में आठ महीने के निचले स्तर पर रहीं है. नए ऑर्डर में नरमी के कारण उत्पादन वृद्धि में काफी कमी आई है. बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. मौसमी रूप से समायोजित S&P Global India Manufacturing खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) अक्टूबर में गिरकर 55.5 पर आ गया है, जो सितंबर में 57.5 था. वहीं, अक्टूबर में यह आठ महीने के निचले स्तर पर रहा.

SandP Global India Manufacturing
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि अक्टूबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंची

उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर
बता दें, अक्टूबर पीएमआई डेटा (Purchasing Managers' Index (PMI) ने लगातार 28वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार की ओर इशारा किया है. पीएमआई की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर होने का मतलब एक्सपेंशन है जबकि 50 से नीचे होना कन्ट्रैक्शन को दर्शाता है. S & P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि नया ऑर्डर सूचकांक एक साल के निचले स्तर पर फिसल गया. कुछ कंपनियों ने अपने उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर की है.

SandP Global India Manufacturing
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि अक्टूबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंची

कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर
सर्वेक्षण के अनुसार कुल नए ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात, खरीदारी के स्तर और खरीद में धीमी ही सही पर पर्याप्त बढ़ोतरी हुई है. नियुक्ति गतिविधि फीकी पड़ गई और कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, अक्टूबर के आंकड़ों में सितंबर के बाद से वृद्धि में गिरावट का संकेत है. वास्तविक सबूतों से पता चलता है कि कुछ उत्पादों की धीमी मांग और भयंकर प्रतिस्पर्धा ने तेजी को रोक दिया है.

रोजगार सृजन की दर धीमी
नौकरियों की बात की जाए तो चार प्रतिशत से भी कम कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा और 95 प्रतिशत ने कार्यबल संख्या अपरिवर्तित रही. रोजगार सृजन की दर मामूली और अप्रैल के बाद से सबसे धीमी है. कीमतों की बात करें तो लागत दबाव बढ़ा है, जबकि ‘आउटपुट’ मूल्य मुद्रास्फीति कम हो गई.

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