नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अगले महीने आने वाले आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) में सरकार अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि मई के पहले सप्ताह में खुलने वाले आईपीओ के दौरान सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है. अपने निर्गम के लिए एलआईसी की तरफ से बुधवार तक बाजार नियामक सेबी के पास अंतिम मंजूरी की अर्जी दाखिल की जा सकती है.
अधिकारी ने एलआईसी के निर्गम के संदर्भ में कहा, 'एलआईसी का आईपीओ मई के पहले सप्ताह में बाजार में आने की संभावना है. इस दौरान सरकार एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी. हालांकि अभी इसके लिए नियामकीय मंजूरी ली जानी है.' एलआईसी ने गत फरवरी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास निर्गम का मसौदा दस्तावेज दाखिल किया था. उस समय एलआईसी ने कहा था कि सरकार इस बीमा कंपनी में पांच फीसदी हिस्सेदारी यानी 31.6 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी.
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हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर बाजारों में पैदा हुई उठापटक के कारण एलआईसी के आईपीओ को कुछ समय के लिए टाल दिया गया. बदले हुए हालात को देखते हुए ही सरकार को निर्गम का आकार 3.5 प्रतिशत पर लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के लिए निर्गम में आरक्षण, छूट, जारी करने की तारीख और निर्गम मूल्य के बारे में बुधवार तक पता चल जाएगा.
बताया गया है कि कंपनी के पॉलिसी धारकों और कर्मचारियों को आईपीओ में न्यूनतम शेयर मूल्य पर छूट मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकक कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स द्वारा एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला गया है. 30 सितंबर 2021 तक कंपनी का अंतर्निहित मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतर्निहित मूल्य बीमा कंपनी में शेयरधारकों के एकीकृत मूल्य के आधार पर निकाला गया है.
(पीटीआई-भाषा)