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Gold : सोने के गहने हैं तो इस अपडेट को न करें इग्नोर, पुराने हॉलमार्क वाले गहने बेच सकेंगे इस माह तक

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Published : Apr 1, 2023, 9:54 AM IST

नए वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत यानी आज से सोने की बिक्री पर नए नियम लागू होंगे. जिसके तहत 6 डिजिट हॉलमार्क वाले सोने बेचना अनिवार्य है. इससे जुलाई 2021 से पहले बने आभूषणों को बेचने में जोहरियों को दिक्कत होती, इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उन्हें राहत भरी खबर सुनाई है और अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Jewelers allowed to sell old hallmarked gold
पुराने हॉलमार्क वाले गहने

नई दिल्ली : सोने के आभूषणों के लिए छह अंकों वाली ‘अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी’ (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) व्यवस्था लागू होने से एक दिन पहले सरकार ने जौहरियों को बड़ी राहत दी. सरकार ने शुक्रवार को करीब 16,000 जौहरियों को जून तक ‘घोषित’ सोने के पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों को बेचने की अनुमति दी. इस तरह उन्हें तीन महीने का और वक्त मिल गया है. हालांकि, यह छूट जुलाई 2021 से पहले बने आभूषणों पर ही लागू होगी.

पुराने सोने को बेचने के लिए समयावधि बढ़ी : इस संबंध में आभूषण उद्योग के निकायों के साथ हाल ही में हुई बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार मंत्रालय ने सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की हॉलमार्किंग आदेश, 2020 में संशोधन किया है. इसके तहत जिन जौहरियों ने पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों के अपने भंडार की पहले घोषणा की थी, उन्हें इन्हें बेचने के लिए 30 जून, 2023 तक का वक्त दिया गया है.

पढ़ें : New Tax System: आज से लागू हो रही नई टैक्स व्यवस्था, जानिए क्या होगा आप पर असर

16 हजार से अधिक जोहरियों को राहत : मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि देश में 1.56 लाख पंजीकृत जौहरी हैं, जिनमें से 16,243 जौहरियों ने इस साल एक जुलाई को अपने पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों का खुलासा किया था. उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह अंतिम समय सीमा है और पुराने स्टॉक को खाली करने के लिए और समय नहीं दिया जाएगा.

हॉलमार्क नियम का ग्राहकों को फायदा : गौरतलब है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एक अप्रैल से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक के ‘अल्फान्यूमेरिक’ एचयूआईडी को अनिवार्य कर रहा है. इससे पहले 4 और 6 डिजिट वाले हॉलमार्क वाले सोने बाजार में बिकते थे. 16 जून 2016 तक देशभर में हॉलमार्क का इस्तेमाल करना पूरी तरह से विक्रेता पर निर्भर था. लेकिन ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे अनिवार्य कर दिया गया. इसका सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को ये होगा कि वह धोखाधड़ी और चोरी के माल के झांसे में नहीं फंसेंगे. इस कदम से कारोबार में पारदर्शिता आ जाएगी.

(एकस्ट्रा इनपुट + भाषा)

पढ़ें : आज से हो रहे ये 5 बड़े बदलाव, आप पर डालेंगे प्रभाव

नई दिल्ली : सोने के आभूषणों के लिए छह अंकों वाली ‘अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी’ (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) व्यवस्था लागू होने से एक दिन पहले सरकार ने जौहरियों को बड़ी राहत दी. सरकार ने शुक्रवार को करीब 16,000 जौहरियों को जून तक ‘घोषित’ सोने के पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों को बेचने की अनुमति दी. इस तरह उन्हें तीन महीने का और वक्त मिल गया है. हालांकि, यह छूट जुलाई 2021 से पहले बने आभूषणों पर ही लागू होगी.

पुराने सोने को बेचने के लिए समयावधि बढ़ी : इस संबंध में आभूषण उद्योग के निकायों के साथ हाल ही में हुई बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार मंत्रालय ने सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की हॉलमार्किंग आदेश, 2020 में संशोधन किया है. इसके तहत जिन जौहरियों ने पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों के अपने भंडार की पहले घोषणा की थी, उन्हें इन्हें बेचने के लिए 30 जून, 2023 तक का वक्त दिया गया है.

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16 हजार से अधिक जोहरियों को राहत : मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि देश में 1.56 लाख पंजीकृत जौहरी हैं, जिनमें से 16,243 जौहरियों ने इस साल एक जुलाई को अपने पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों का खुलासा किया था. उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह अंतिम समय सीमा है और पुराने स्टॉक को खाली करने के लिए और समय नहीं दिया जाएगा.

हॉलमार्क नियम का ग्राहकों को फायदा : गौरतलब है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एक अप्रैल से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक के ‘अल्फान्यूमेरिक’ एचयूआईडी को अनिवार्य कर रहा है. इससे पहले 4 और 6 डिजिट वाले हॉलमार्क वाले सोने बाजार में बिकते थे. 16 जून 2016 तक देशभर में हॉलमार्क का इस्तेमाल करना पूरी तरह से विक्रेता पर निर्भर था. लेकिन ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे अनिवार्य कर दिया गया. इसका सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को ये होगा कि वह धोखाधड़ी और चोरी के माल के झांसे में नहीं फंसेंगे. इस कदम से कारोबार में पारदर्शिता आ जाएगी.

(एकस्ट्रा इनपुट + भाषा)

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