मुंबई: शेयर मार्केट में हाल के दिनों में लगातार नई कंपनियों को आते देखा जा रहा है. इन कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने के लिए निवेशकों में भी होड़ देखी जा रही है. केवल इस सप्ताह 20 नवंबर से लेकर 24 नवंबर तक की बात करें, तो तकरीबन 5 IPO में निवेशकों ने लगभग 2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा इन्वेस्ट किया है. इस बीच सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने 25 नवंबर को SEBI बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में रिटेल निवेशकों को इस होड़ से बचने और सर्तक रहने को कहा है. सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा कि आईपीओ प्राइस डिस्कवरी सिस्टम सही नहीं है.
सेबी प्रमुख ने दी सलाह
रिटेल निवेशकों के लिए कीमत स्थिर होने तक इंतजार करना और फिर सेकेंडरी माध्यम से बाजार में निवेश करना बेहतर रणनीति होगी. बुच ने आगे कहा कि आईपीओ के दौरान कंपनी का वैल्यूएशन निकालने का फार्मूला सही नहीं होता है. अगर इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर को खरीदारी करनी है, तो उन्हें बड़ी खरीदारी करनी होगी. वे स्टॉक मार्केट में खरीदारी नहीं कर सकते. लेकिन खुदरा निवेशक को छोटी चीजें खरीदने की जरूरत है, इसलिए बेहतर रणनीति यह है कि वे आईपीओ के बाद कीमत स्थिर होने का इंतजार करें, तिमाही परिणाम आदि देखें और फिर स्टॉक मार्केट के माध्यम से निवेश करें.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज IPO ने तोड़ा रिकार्ड
बता दें, इस सप्ताह खुले पांच आईपीओ के लिए कुल बोलियां 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई हैं, जिसमें एंकर निवेशकों का आवंटन शामिल नहीं है, जो सार्वजनिक पेशकश खुलने से एक दिन पहले होता है. अकेले टाटा टेक्नोलॉजीज के सार्वजनिक निर्गम ने 1.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां प्राप्त की हैं, जो कि निर्गम आकार से 69.43 गुना अधिक है. 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज आईपीओ के बाद टाटा समूह का पहला सार्वजनिक निर्गम, खुलने के पहले घंटों में पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया था.