मुंबई: शुरुआती कारोबार के दौरान इंफोसिस लिमिटेड के शेयरों में मंगलवार को लगभग 2 फीसदी की गिरावट आई. एक वैश्विक ग्राहक द्वारा सितंबर में कंपनी के साथ साइन एक एमओयू को समाप्त करने के बाद निफ्टी 50 इंडेक्स पर टॉप लूजर वालों में से एक है. एमओयू, जिसे एक मास्टर समझौते में तब्दील होना था, की 15 साल की अवधि में डील की कीमत 1.5 बिलियन डॉलर होने की संभावना थी. एमओयू के तहत, इंफोसिस को मॉडर्नाइजेशन और व्यवसाय संचालन सेवाओं और एआई समाधानों के साथ-साथ उन्नत डिजिटल अनुभव प्रदान करना था.
शेयरों में आई गिरावट
बता दें कि इस साल अब तक इंफोसिस के शेयरों में केवल 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि निफ्टी आईटी इंडेक्स ने 22 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टॉक के खराब प्रदर्शन के पीछे एक प्रमुख कारण यह तथ्य है कि पिछले कुछ वर्षों में इसमें कई शीर्ष स्तर के लोगों को बाहर निकलते देखा गया है.
बता दें कि कंपनी के सीएफओ के साथ-साथ इसके दो अध्यक्षों ने भी पिछले 15 महीनों में पद छोड़ दिया है और प्रतिस्पर्धी कंपनियों में सीईओ बन गए हैं. इंफोसिस पहले ही वित्तीय वर्ष 2024 में दो बार मार्गदर्शन में कटौती कर चुकी है और वित्तीय वर्ष 2024 के लिए इसकी राजस्व वृद्धि अब वर्ष की शुरुआत में 4 फीसदी से 7 फीसदी की वृद्धि के साथ 1 फीसदी से 2.5 फीसदी देखी जा रही है.
इंफोसिस के शेयर 1.9 फीसदी गिरकर 1,534 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं. साल-दर-साल आधार पर सकारात्मक बने रहने के लिए स्टॉक को 1,524 रुपये के स्तर से ऊपर रहना होगा.