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Share Market: भारतीय शेयर मार्केट लगातर कई दिनों से लाल निशान पर, जानें वजह

वैश्विक मार्केट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. घटते बाजार को देखते हुए इस पर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने बताया है कि अमेरिका से भी संकेत नकारात्मक मिल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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By IANS

Published : Sep 27, 2023, 1:58 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 9:47 AM IST

Markets in sell on rallies mode
भारतीय शेयर मार्केट

नई दिल्ली: डॉलर का वैल्यू बढ़ना, अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी और ब्रेंट क्रूड के ऊंचे दाम की तिहरी मार भारतीय इक्विटी बाजारों पर असर डाल रही है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही. अमेरिका से भी संकेत नकारात्मक हैं. विजयकुमार ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि बाजार अमेरिका में लंबे समय तक ऊंची दर व्यवस्था में मूल्य निर्धारण कर रहा है, जो निकट अवधि में इक्विटी बाजारों के लिए अनुकूल नहीं है."

उन्होंने कहा कि बाजार की गिरावट पर खरीदारी की शैली, जो निफ्टी को 20,000 के पार ले गई थी, अब 'रैली पर बिक्री' में बदल गई है. बिकवाली का बड़ा हिस्सा एफआईआई से आ रहा है. सितंबर में अब तक एफआईआई ने 21,287 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. उन्होंने कहा, चूंकि डॉलर इंडेक्स अब 106 से ऊपर है. और यूएस 10-वर्षीय यील्ड 4.55 प्रतिशत के आसपास मजबूत है. एफआईआई द्वारा बिकवाली जारी रखने की संभावना है, जिससे बाजार कमजोर हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- SHARE MARKET UPDATE: हफ्ते के तीसरे दिन भी लाल निशान पर सेंसेक्स-निफ्टी की ओपनिंग

एफआईआई की बिकवाली से बड़े बैंकिंग शेयरों में कमजोरी रहने की संभावना है. लंबी अवधि के निवेशक इस कमजोरी का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले निजी बैंकों और प्रमुख पीएसयू बैंकों को खरीदने के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंकिंग क्षेत्र में वैलुएशन ठीकठाक है. बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 53 अंक गिरकर 65,892 अंक पर कारोबार कर रहा है.

नई दिल्ली: डॉलर का वैल्यू बढ़ना, अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी और ब्रेंट क्रूड के ऊंचे दाम की तिहरी मार भारतीय इक्विटी बाजारों पर असर डाल रही है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही. अमेरिका से भी संकेत नकारात्मक हैं. विजयकुमार ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि बाजार अमेरिका में लंबे समय तक ऊंची दर व्यवस्था में मूल्य निर्धारण कर रहा है, जो निकट अवधि में इक्विटी बाजारों के लिए अनुकूल नहीं है."

उन्होंने कहा कि बाजार की गिरावट पर खरीदारी की शैली, जो निफ्टी को 20,000 के पार ले गई थी, अब 'रैली पर बिक्री' में बदल गई है. बिकवाली का बड़ा हिस्सा एफआईआई से आ रहा है. सितंबर में अब तक एफआईआई ने 21,287 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. उन्होंने कहा, चूंकि डॉलर इंडेक्स अब 106 से ऊपर है. और यूएस 10-वर्षीय यील्ड 4.55 प्रतिशत के आसपास मजबूत है. एफआईआई द्वारा बिकवाली जारी रखने की संभावना है, जिससे बाजार कमजोर हो जाएगा.

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एफआईआई की बिकवाली से बड़े बैंकिंग शेयरों में कमजोरी रहने की संभावना है. लंबी अवधि के निवेशक इस कमजोरी का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले निजी बैंकों और प्रमुख पीएसयू बैंकों को खरीदने के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंकिंग क्षेत्र में वैलुएशन ठीकठाक है. बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 53 अंक गिरकर 65,892 अंक पर कारोबार कर रहा है.

Last Updated : Sep 28, 2023, 9:47 AM IST
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