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रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 79.78 प्रति डॉलर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया सोमवार को 12 पैसे की तेजी के साथ 79.78 प्रति डॉलर पर के भाव पर बंद हुआ. वहीं डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 प्रतिशत गिरकर 106.32 पर रहा.

Rupee rises 12 paise against US dollar
रुपया 12 पैसे मजबूत
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Published : Jul 25, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2022, 10:02 PM IST

मुंबई: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपनी गिरती कीमत को लेकर परेशान रुपया सोमवार को 12 पैसे की मजबूती के साथ 79.78 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ. विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी बाजारों में डॉलर के अपेक्षाकृत नरम रहने और क्षेत्रीय मुद्राओं के मंजबूत रहने से रुपये को समर्थन मिला. हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से रुपये की तेजी पर थोड़ा विराम लगा. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.86 के भाव पर खुला था. कारोबार के दौरान रुपये ने 79.70 के ऊंचे और 79.87 के निचले स्तर को भी छुआ.

हालांकि, कारोबार के अंत में रुपया 79.78 के भाव पर बंद हुआ जो पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में 12 पैसे की बढ़त को दर्शाता है. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.90 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था. दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 प्रतिशत गिरकर 106.32 पर रहा. इससे भी रुपये को थोड़ा समर्थन मिला. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.25 प्रतिशत बढ़कर 104.49 डॉलर प्रति बैरल हो गया.

विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय बाजार से निकासी जारी है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने 675.45 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के मुताबिक, भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कारोबारी सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की है. इसमें कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और क्षेत्रीय मुद्राओं में आई मजबूती का भी योगदान रहा.

यह भी पढ़ें-दो दशक बाद एनएसई में वापसी को तैयार चौहान, सामने हैं कई चुनौतियां

परमार ने कहा, 'इस सप्ताह फेडरल रिजर्व की अहम बैठक होने वाली है जिसमें ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी किए जाने का अनुमान बाजार ने लगाया हुआ है.' हालांकि, उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये को 79.30 के स्तर पर समर्थन है और 80.10 के करीब उसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है. शेयरखान बाय बीएनपी परिबा में शोध विश्लेषक अनुज चौधरी का मानना है कि रुपया अभी वैश्विक प्रभाव और मुद्रास्फीति के असर में मिले-जुले रुख से लेकर नकारात्मक दायरे में ही बना रहेगा. उन्होंने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट भी रुपये पर असर डाल सकती है. इसके अलावा विदेशी पूंजी की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों से भी रुपये का स्तर निर्धारित हो सकता है.

मुंबई: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपनी गिरती कीमत को लेकर परेशान रुपया सोमवार को 12 पैसे की मजबूती के साथ 79.78 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ. विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी बाजारों में डॉलर के अपेक्षाकृत नरम रहने और क्षेत्रीय मुद्राओं के मंजबूत रहने से रुपये को समर्थन मिला. हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से रुपये की तेजी पर थोड़ा विराम लगा. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.86 के भाव पर खुला था. कारोबार के दौरान रुपये ने 79.70 के ऊंचे और 79.87 के निचले स्तर को भी छुआ.

हालांकि, कारोबार के अंत में रुपया 79.78 के भाव पर बंद हुआ जो पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में 12 पैसे की बढ़त को दर्शाता है. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.90 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था. दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 प्रतिशत गिरकर 106.32 पर रहा. इससे भी रुपये को थोड़ा समर्थन मिला. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.25 प्रतिशत बढ़कर 104.49 डॉलर प्रति बैरल हो गया.

विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय बाजार से निकासी जारी है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने 675.45 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के मुताबिक, भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कारोबारी सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की है. इसमें कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और क्षेत्रीय मुद्राओं में आई मजबूती का भी योगदान रहा.

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परमार ने कहा, 'इस सप्ताह फेडरल रिजर्व की अहम बैठक होने वाली है जिसमें ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी किए जाने का अनुमान बाजार ने लगाया हुआ है.' हालांकि, उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये को 79.30 के स्तर पर समर्थन है और 80.10 के करीब उसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है. शेयरखान बाय बीएनपी परिबा में शोध विश्लेषक अनुज चौधरी का मानना है कि रुपया अभी वैश्विक प्रभाव और मुद्रास्फीति के असर में मिले-जुले रुख से लेकर नकारात्मक दायरे में ही बना रहेगा. उन्होंने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट भी रुपये पर असर डाल सकती है. इसके अलावा विदेशी पूंजी की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों से भी रुपये का स्तर निर्धारित हो सकता है.

Last Updated : Jul 25, 2022, 10:02 PM IST
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