नई दिल्ली : एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6 फीसदी रहने का अनुमान बरकरार रखा. रेटिंग एजेंसी ने साथ ही कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक होगी. घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि पिछले वृद्धि अनुमान मार्च में घोषित किए गए थे.
भारत की वृद्धि दर अन्य देशों की तुलना में बेहतर
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एशिया-प्रशांत के लिए अपनी तिमाही आर्थिक समीक्षा में कहा, 'हमारा अनुमान है कि भारत, वियतनाम और फिलीपींस की वृद्धि दर लगभग छह प्रतिशत रहेगी. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) लुइस कुइज ने कहा कि मध्यम अवधि के लिए वृद्धि अनुमान अपेक्षाकृत ठोस बना हुआ है. एशिया की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं 2026 तक हमारे वैश्विक वृद्धि परिदृश्य में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बनी हुई हैं.'
खुदरा महंगाई के कम होने का अनुमान
एसएंडपी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत से घटकर 5 फीसदी रहने का अनुमान है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)अगले साल की शुरुआत में ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सामान्य मानसून और कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते मुद्रास्फीति नरम पड़ेगी. एसएंडपी ने 2023 के लिए चीन की वृद्धि दर का अनुमान 5.5 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है.
क्या है जीडीपी
किसी देश की सीमा के अंदर एक वित्तीय वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के अंतिम मूल्य को जीडीपी कहते हैं. इसे किसी देश की अर्थव्यवस्था को मापा जाता है. अगर किसी देश की GDP ग्रोथ रेट अच्छी है तो उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत माना जाता है.
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(भाषा के साथ एकस्ट्रा इनपुट)