नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारतीय कंपनियों को कुछ शर्तों के साथ विदेशी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की अनुमति दे दी है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में कंपनी कानून के तहत संबंधित धारा को अधिसूचित कर दिया है. वर्तमान में स्थानीय कंपनियां विदेशों में अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट (American Depository Receipt) और Global Depository Receipt (GDR) के जरिए सूचीबद्ध की जाती रही हैं.
वहीं, मंत्रालय की ओर से 30 अक्टूबर को जारी अधिसूचना के अनुसार कंपनी (Amendment) अधिनियम 2020 (2020 का 29) की धारा एक की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार उसके द्वारा अक्टूबर 2023 के 30वें दिन को उस तारीख के रूप में निर्धारित करती है जिस दिन से उक्त अधिनियम की धारा पांच के प्रावधान लागू होंगे. भारतीय कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों में प्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्ध कराने के नियमों को अभी अधिसूचित किया जाना बाकी है.बता दें, धारा पांच सार्वजनिक कंपनियों के कुछ वर्गों को अनुमत शेयर बाजार में विदेशी न्यायक्षेत्रों या ऐसे अन्य न्यायक्षेत्रों के तहत अपनी प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करने की अनुमति देता है.
गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा था कि मंत्रालय कंपनियों को प्रत्यक्ष तौर पर विदेशी शेयर बाजरों में सूचीबद्ध कराने के लिए नियम तैयार करने के लिए संभावित पात्रता मानदंड सहित विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहा है.