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IMF-WB Meeting : आर्थिक वृद्धि तेज रहने के अनुमान के बावजूद भारत भू-राजनीतिक स्थिति को लेकर चिंतित: सीतारमण

कैसे एक देश की अर्थव्यवस्था किसी दूसरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है, यह अमेरिका में आई बैंकिंग संकट और उसके प्रभावों से समझा जा सकता है. इसलिए वित्त मंत्री ने विश्व बैंक और आईएमएफ की मीटिंग में कहा कि भारत भू-राजनीतिक स्थिति को लेकर चिंतित है.

IMF-WB Meeting
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Published : Apr 13, 2023, 1:35 PM IST

वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों वाशिंगटन में हो रही आईएमएफ और विश्व बैंक की संयुक्त बैठक में शामिल हुई है. जहां उन्होंने कहा कि भारत इस साल देश की अर्थव्यवस्था के लिए 6 प्रतिशत से अधिक की अनुमानित वृद्धि दर के बावजूद वैश्विक आर्थिक भू-राजनीतिक माहौल को लेकर चिंतित है.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से अर्थव्यवस्था पर असर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यहां एक बैठक के दौरान वैश्विक नेताओं की मौजूदगी में कहा कि मौजूदा प्रतिकूल परिस्थितियों और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त प्रभाव डाला है. वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले ही ऊंची ब्याज दरों, मुद्रास्फीतिक दबाव से प्रभावित है.

पढ़ें : IMF-WB Meeting : फिक्की के अध्यक्ष ने कहा, भारत के बिना वृद्धि के बारे में नहीं सोच सकती कोई वैश्विक कंपनियां

बैंकिंग संकट ने आर्थिक चुनौती को बढ़ाया : वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में बैंकिंग क्षेत्र में हालिया संकट ने वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की दिक्कतों की वजह से खाद्य, ईंधन और उर्वरक क्षेत्रों पर दबाव है. इससे खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकट बढ़ा है. इन कारणों से विशेषरूप से दुनिया में गरीब और सीमान्त वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

सामूहिक पहल से चुनौतियों से निपटने की जरुरत : आईएमएफ और विश्व बैंक की सम्मिलित बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, ‘आज समय की जरूरत लोगों की अगुवाई में सहमति आधारित और सामूहिक पहल की है, जिससे वैश्विक वित्तीय चुनौतियों से निपटा जा सके.’

(पीटीआई- भाषा)

पढ़ें : India-US economic partnership: सीतारमण, येलेन ने भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की

वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों वाशिंगटन में हो रही आईएमएफ और विश्व बैंक की संयुक्त बैठक में शामिल हुई है. जहां उन्होंने कहा कि भारत इस साल देश की अर्थव्यवस्था के लिए 6 प्रतिशत से अधिक की अनुमानित वृद्धि दर के बावजूद वैश्विक आर्थिक भू-राजनीतिक माहौल को लेकर चिंतित है.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से अर्थव्यवस्था पर असर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यहां एक बैठक के दौरान वैश्विक नेताओं की मौजूदगी में कहा कि मौजूदा प्रतिकूल परिस्थितियों और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त प्रभाव डाला है. वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले ही ऊंची ब्याज दरों, मुद्रास्फीतिक दबाव से प्रभावित है.

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बैंकिंग संकट ने आर्थिक चुनौती को बढ़ाया : वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में बैंकिंग क्षेत्र में हालिया संकट ने वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की दिक्कतों की वजह से खाद्य, ईंधन और उर्वरक क्षेत्रों पर दबाव है. इससे खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकट बढ़ा है. इन कारणों से विशेषरूप से दुनिया में गरीब और सीमान्त वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

सामूहिक पहल से चुनौतियों से निपटने की जरुरत : आईएमएफ और विश्व बैंक की सम्मिलित बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, ‘आज समय की जरूरत लोगों की अगुवाई में सहमति आधारित और सामूहिक पहल की है, जिससे वैश्विक वित्तीय चुनौतियों से निपटा जा सके.’

(पीटीआई- भाषा)

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