नई दिल्ली: वर्ल्डस्टील (worldsteel) ने मंगलवार को कहा है कि भारत में स्टील की मांग 2023 में 1.8 फीसदी की ओवरऑल वैश्विक वृद्धि के मुकाबले 8.6 फीसदी की हेल्थी बढ़ोतरी दर्ज करने की उम्मीद है. यह अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक स्टील की मांग 2023 में 1.8 फीसदी बढ़ेगी और 2022 में 3.3 फीसदी की गिरावट के बाद 1,814.5 मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगी. वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (World Steel Association) के अनुसार, 2024 में मांग 1.9 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,849.1 मीट्रिक टन हो जाएगी.
भारत के लिए, वैश्विक निकाय ने कहा कि 2022 में 9.3 फीसदी की वृद्धि के बाद, स्टील की मांग 2023 में 8.6 फीसदी और 2024 में 7.7 फीसदी की स्वस्थ वृद्धि दिखाने की उम्मीद है. भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च ब्याज दर के माहौल के दबाव के बावजूद स्थिर बनी हुई है, और स्टील की मांग के कारण इसकी उच्च विकास गति जारी रहने की उम्मीद है. वर्ल्डस्टील ने अपने शॉर्ट रेंज आउटलुक (Short Range Outlook) में कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से पूंजीगत सामान क्षेत्र की वृद्धि को भी समर्थन मिलेगा. ऑटोमोटिव क्षेत्र में स्वस्थ विकास गति जारी रहेगी.
स्टील की मांग का असर मुद्रास्फीति पर
हालांकि, त्योहारी सीजन के खर्च और उत्पादन से जुड़े निवेश (पीएलआई) योजनाओं में प्रगति के साथ 2024 में इसमें सुधार होगा. वर्ल्डस्टील इकोनॉमिक्स कमेटी के अध्यक्ष मैक्सिमो वेदोया ने कहा कि स्टील की मांग उच्च मुद्रास्फीति (inflation) और ब्याज दर के माहौल का प्रभाव महसूस कर रही है. 2022 की दूसरी छमाही के बाद से, अधिकांश क्षेत्रों के लिए स्टील का उपयोग करने वाले उद्योगों की गतिविधियाँ तेजी से ठंडी हो रही हैं क्योंकि निवेश और खपत दोनों कमजोर हो गए हैं.
यह स्थिति 2023 तक जारी रही, विशेष रूप से यूरोपीय संघ और अमेरिका को प्रभावित किया. सख्त मौद्रिक नीति (tight monetary policy) के विलंबित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, निकाय को उम्मीद है कि 2024 में अर्थव्यवस्थाओं में स्टील की मांग में सुधार धीमा रहेगा. उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के विकसित देशों की तुलना में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.