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भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा: आरबीआई गवर्नर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने लंदन में कहा कि भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. पढ़िए पूरी खबर...

RBI Governor Shaktikanta Das
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास
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Published : Jun 13, 2023, 6:59 PM IST

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग से प्रेरित है और देश 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से लाभ कमाया है और पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत हो गई है. उन्होंने मंगलवार को लंदन में ब्रिटेन की सेंट्रल बैंकिंग की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन बैठकों के उद्घाटन संबोधन में उक्त बातें कहीं.

उन्होंने कहा, '...पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक मंदी के बीच भी भारत की वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग, विशेष रूप से निजी खपत और निवेश से प्रेरित है. गर्वनर ने 2023-24 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद जताई. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा हाल ही में जारी अनंतिम अनुमानों के अनुसार, 2022-23 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही, जो अनुमानित 7 प्रतिशत से अधिक थी.

वहीं मजबूत वैश्विक विपरीत परिस्थितियों और कड़ी घरेलू मौद्रिक नीति के कड़े होने के बावजूद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत को 2023-24 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का अनुमान लगाया है, जो निजी खपत में मजबूत वृद्धि और निजी निवेश में निरंतर तेजी से समर्थित है. इसके अलावा, विनियामक और पर्यवेक्षी पहलों के बारे में बोलते हुए दास ने कहा कि नवीनतम पर्यवेक्षी डेटा इंगित करता है कि सभी बैंक विभिन्न विवेकपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. उन्होंने कहा, 'तनाव परीक्षण यह भी संकेत देते हैं कि गंभीर तनाव की स्थिति में भी भारतीय बैंक न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे.'

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग से प्रेरित है और देश 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से लाभ कमाया है और पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत हो गई है. उन्होंने मंगलवार को लंदन में ब्रिटेन की सेंट्रल बैंकिंग की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन बैठकों के उद्घाटन संबोधन में उक्त बातें कहीं.

उन्होंने कहा, '...पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक मंदी के बीच भी भारत की वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग, विशेष रूप से निजी खपत और निवेश से प्रेरित है. गर्वनर ने 2023-24 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद जताई. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा हाल ही में जारी अनंतिम अनुमानों के अनुसार, 2022-23 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही, जो अनुमानित 7 प्रतिशत से अधिक थी.

वहीं मजबूत वैश्विक विपरीत परिस्थितियों और कड़ी घरेलू मौद्रिक नीति के कड़े होने के बावजूद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत को 2023-24 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का अनुमान लगाया है, जो निजी खपत में मजबूत वृद्धि और निजी निवेश में निरंतर तेजी से समर्थित है. इसके अलावा, विनियामक और पर्यवेक्षी पहलों के बारे में बोलते हुए दास ने कहा कि नवीनतम पर्यवेक्षी डेटा इंगित करता है कि सभी बैंक विभिन्न विवेकपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. उन्होंने कहा, 'तनाव परीक्षण यह भी संकेत देते हैं कि गंभीर तनाव की स्थिति में भी भारतीय बैंक न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे.'

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(एएनआई)

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