नई दिल्ली : भारत का रूस से सस्ते कच्चे तेल का आयात मई माह में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि अब रूस से आयात सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका से सामूहिक रूप से खरीदे गए तेल के आंकड़े को भी पार कर गया है. ऊर्जा की खेप की निगरानी करने वाली वॉर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने मई में रूस से प्रतिदिन 19.6 लाख बैरल तेल का आयात किया, जो अप्रैल के पिछले उच्चस्तर से 15 प्रतिशत अधिक है.
कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 42 फीसदी
अब भारत के कुल कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत हो गई है. यह हाल के बरसों में किसी एक देश के लिए सबसे अधिक हिस्सेदारी है. भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात पश्चिम एशिया के परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं की कीमत पर बढ़ा है. मई में सऊदी अरब से तेल का आयात घटकर 5,60,000 टन पर आ गया. यह फरवरी, 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है. मई में तेल निर्यातक देशों के संगठन-ओपेक की भारत के कच्चा तेल आयात में हिस्सेदारी घटकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 39 प्रतिशत पर आ गई. किसी समय ओपेक की भारत की तेल खरीद में 90 प्रतिशत तक हिस्सेदारी होती थी.
आठ महीनों से रूस सबसे बड़ा निर्यातक
पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से भारत के आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. यह लगातार आठवां महीना है जबकि रूस, भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. कच्चे तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है. इराक ने मई में भारत को 8.3 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) तेल का निर्यात किया. वहीं संयुक्त अरब अमीरात ने 2,03,000 बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति की. आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान अमेरिका से आयात 1,38,000 बैरल प्रतिदिन रहा.
(पीटीआई-भाषा)