नई दिल्ली : भारतीय विदेशी मुद्रा को लेकर एक अच्छी खबर है. इसमें लगातार दूसरे हफ्ते उछाल देखने को मिल रहा है. 14 अप्रैल 2023 को खत्म हुए सप्ताह के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में 1.65 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. Foreign Exchange Reserves अभी 586.4 बिलियन डॉलर हो गया है. वहीं, इससे पहले 7 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 6.3 अरब डॉलर का उछाल देखने को मिला था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर जारी डाटा के अनुसार Foreign Exchange Reserves नौ महीने के उच्चतम स्तर 586.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. साल 2022 की शुरुआत में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 633 बिलियन डॉलर रहा. वहीं, साल 2021 के अक्टूबर माह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी के साथ- साथ विदेशी एसेट्स में भी 1.58 बिलियन डॉलर से बढ़ोत्तरी हुई है और यह बढ़कर 516.63 अरब डॉलर हो गया है. वहीं, सोने के रिजर्व में 5.21 मिलियन डॉलर से गिरावट आई है और यह घटकर 46.17 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की एक्सचेंज रेट में तेज गिरावट को रोकने के लिए देशी मुंदा भंडार का उपयोग करने की वजह से बाद में इसमें गिरावट देखी जा रही है. विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले महीनों में जो कमी आई है वो इसलिए भी क्योंकि आयात महंगा हुआ है. तो आरबीआई और फेड रिजर्व के सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के चलते रुपया कमजोर हुआ है.
आरबीआई समय समय पर लिक्विडिटी मैनेजमेंट के जरिए मार्केट में दखल देता है. जिसमें RBI डॉलर भी बेचता है जिससे घरेलू करेंसी को और कमजोर होने से बचाया जा सके. गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा था कि विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी आती है तो इससे मैक्रोइकोनॉमिक स्टैबिलिटी को मजबूती मिलेगी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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