मुंबई : HDFC बैंक देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है. हालांकि, पिछले एक साल में इस बैंक ने निवेशकों को काफी निराश किया है. इसकी वजह है- बैंक का मर्जर. बैंक के शेयर का भाव निवेशकों के उम्मीद के मुताबिक नहीं चढ़ा. इस वर्ष लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट के साथ, एचडीएफसी बैंक 2023 में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले बैंकिंग शेयरों में से एक रहा है.
हालांकि, लार्जकैप बैंक शेयरों ने बड़े पैमाने पर मिडकैप और स्मॉलकैप साथियों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है. विलय की गई इकाई (एचडीएफसी बैंक-एचडीएफसी) की नेटवर्थ पर हालिया अपडेट के मुताबिक एनआईएम और आरओए ने निजी ऋणदाता के स्टॉक पर भार डाला है. पिछले छह महीनों में, एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमत में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी का प्रदर्शन इस अवधि के दौरान 11 प्रतिशत बढ़ा है.
एचडीएफसी बैंक की दूसरी तिमाही के नतीजे आ गए हैं. आंकड़े उत्साहजनक नहीं कहे जा सकते हैं. फिर भी उम्मीद की जा रही है कि शेयर की नई खरीददारी बढ़ सकती है. इसकी वजह है बैंक का पिछला रिकॉर्ड और उसके प्रति विश्वास.
बता दें सितंबर तिमाही में बैंक का मुनाफा 51.1 प्रतिशत बढ़कर 15976 करोड़ रुपये रहा. वहीं पिछले साल समान अवधि में बैंक को 10,606 करोड़ का मुनाफा हुआ था. बैंक की आय सलाना 33 फीसदी बढ़कर 38 करोड़ रुपये रही. जबकि पिछले साल कंपनी के 28,617 करोड़ की आय हुई थी.
इस बीच आपको बता दें एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमत 17 अक्टूबर को बढ़ी थी, जिसके एक दिन बाद भारत के सबसे बड़े निजी ऋणदाता ने बंधक ऋणदाता हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन के साथ विलय के बाद पहली तिमाही में कमजोर कोर परिचालन की सूचना दी. चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में, ऋणदाता शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) और शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) पर विश्लेषक के अनुमान से चूक गया. हालाँकि, इसके शुद्ध लाभ को उच्च अन्य आय और कम कर दर से बढ़ावा मिला.