नई दिल्ली : विपक्षी दलों के शासन वाले विभिन्न राज्यों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 50वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष केंद्र के उस फैसले पर चिंता जताई है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय- ED को जीएसटी नेटवर्क से सूचना साझा करने की अनुमति दी गई है. जीएसटी परिषद की यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी में हो रही है. पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे ‘कर आतंकवाद’ बताते हुए कहा कि इससे छोटे कारोबारी डरे हुए हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से धन शोधन रोधक अधिनियम- PMLA , 2022 में संशोधन किया है. इसके तहत GST की प्रौद्योगिकी इकाई संभालने वाली जीएसटी नेटवर्क- GSTN को उन इकाइयों में शामिल कर लिया गया है, जिनके साथ ईडी सूचना साझा कर सकता है. बैठक में ‘आप’ की दिल्ली और पंजाब सरकारों ने इन अधिसूचना पर चिंता जताते हुए इसपर चर्चा की मांग की. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “कई वित्त मंत्रियों ने यह मुद्दा उठाया. दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान ने चिंता जताते हुए कहा है कि इसपर GST Council में चर्चा होनी चाहिए.”
चीमा ने कहा कि कई राज्यों ने चर्चा की मांग की है. “अधिसूचना ईडी को जीएसटी का भुगतान नहीं करने पर किसी भी व्यवसायी को गिरफ्तार करने का अधिकार देती है. इस तरह के फैसले से देश में ‘कर आतंकवाद’ बढ़ेगा और यह छोटे कारोबारियों और आम लोगों के लिए खतरनाक है.” आतिशी ने कहा कि GSTN को Prevention of Money Laundering Act - PMLA के तहत लाया गया है. इसका मतलब यह होगा कि चाहे आप छोटे या बड़े व्यवसाय में हों, यदि आप जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, तो आप पर रिटर्न दाखिल करने में देरी जैसे अपराधों के लिए ईडी मुकदमा चला सकता है.
(भाषा)