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GST on Pan Masala: 1अप्रैल से बढ़ जाएगी पान मसाला और तंबाकू की कीमतें! अधिकतम GST सेस की सीमा हुई तय - पैन इनएक्टिव

1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने वाला है. इसके साथ ही बहुत कुछ नया बदलाव भी शुरू होगा. मसलन गाड़ियां महंगी होगी, मेडिकल ट्रिटमेंट महंगा हो जाएगा और अगर आधार- पैन लिंक नहीं है तो पैन इनएक्टिव हो जाएगा आदि. इसी तरह पान मसाला, तंबाकू के लिए भी आपको अधिक खर्च करना होगा. पढ़ें पूरी खबर.

GST on Pan Masala
1अप्रैल से बढ़ जाएगी पान मसाला और तंबाकू की कीमतें
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Published : Mar 27, 2023, 1:25 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 1:31 PM IST

नई दिल्ली: पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए एक बुरी खबर हैं. उन्हें इन पदार्थों का सेवन करने के लिए पहले की तुलना में अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है. यानी इनका सेवन पहले की तुलना में और महंगा हो सकता है. दरअसल सरकार ने पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू के अन्य उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा उपकर की अधिकतम दर की सीमा तय कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने उच्चतम दर को खुदरा बिक्री मूल्य से भी जोड़ दिया है.

सेस की दर की सीमा गत शुक्रवार को लोकसभा में पारित वित्त विधेयक, 2023 में संशोधनों के तहत लाई गई है. ये संशोधन एक अप्रैल, 2023 से लागू होंगे. पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू पर लगने वाले ये नए दर, सीमा वित्त विधेयक में किए गए 75 संशोधनों में से एक है. संशोधन के अनुसार, पान मसाला के लिए जीएसटी मुआवजा का अधिकतम सेस प्रति इकाई खुदरा मूल्य का 51 प्रतिशत होगा. मौजूदा व्यवस्था के तहत सेस उत्पाद के मूल्यानुसार 135 फीसदी पर लगाया जाता है.

तंबाकू पर दर 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक के साथ मूल्यानुसार 290 फीसदी या प्रति इकाई खुदरा मूल्य के 100 फीसदी तय की गई है. अभी तक सबसे ऊंची दर 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक के साथ मूल्यानुसार 290 फीसदी है. यह सेस जीएसटी की सबसे ऊंची 28 फीसदी की दर के ऊपर लगाया जाता है. हालांकि कर विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव के बाद लागू होने वाले मुआवजा GST cess के लिए आकलन के लिए जीएसटी परिषद को अधिसूचना जारी करने की जरूरत होगी.

नई दिल्ली: पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए एक बुरी खबर हैं. उन्हें इन पदार्थों का सेवन करने के लिए पहले की तुलना में अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है. यानी इनका सेवन पहले की तुलना में और महंगा हो सकता है. दरअसल सरकार ने पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू के अन्य उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा उपकर की अधिकतम दर की सीमा तय कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने उच्चतम दर को खुदरा बिक्री मूल्य से भी जोड़ दिया है.

सेस की दर की सीमा गत शुक्रवार को लोकसभा में पारित वित्त विधेयक, 2023 में संशोधनों के तहत लाई गई है. ये संशोधन एक अप्रैल, 2023 से लागू होंगे. पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू पर लगने वाले ये नए दर, सीमा वित्त विधेयक में किए गए 75 संशोधनों में से एक है. संशोधन के अनुसार, पान मसाला के लिए जीएसटी मुआवजा का अधिकतम सेस प्रति इकाई खुदरा मूल्य का 51 प्रतिशत होगा. मौजूदा व्यवस्था के तहत सेस उत्पाद के मूल्यानुसार 135 फीसदी पर लगाया जाता है.

तंबाकू पर दर 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक के साथ मूल्यानुसार 290 फीसदी या प्रति इकाई खुदरा मूल्य के 100 फीसदी तय की गई है. अभी तक सबसे ऊंची दर 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक के साथ मूल्यानुसार 290 फीसदी है. यह सेस जीएसटी की सबसे ऊंची 28 फीसदी की दर के ऊपर लगाया जाता है. हालांकि कर विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव के बाद लागू होने वाले मुआवजा GST cess के लिए आकलन के लिए जीएसटी परिषद को अधिसूचना जारी करने की जरूरत होगी.

(पीटीआई- भाषा)

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Last Updated : Mar 27, 2023, 1:31 PM IST
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