नयी दिल्ली : सरकार ने अमेरिका की चिप कंपनी माइक्रोन की देश में 2.7 अरब डॉलर (भारतीय करेंसी अनुसार 270 करोड़ रुपये) के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर परीक्षण और पैकेजिंग इकाई स्थापित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस परियोजना से 5,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है.
एक सूत्र ने परियोजना के ब्योरे की पुष्टि करते हुए कहा, ‘इसे लगभग एक सप्ताह पहले मंजूरी दी गई.’ माइक्रोन कंप्यूटर मेमोरी उत्पाद, फ्लैश ड्राइव आदि में विशेषज्ञता रखती है. यह भारत में एक ओएसएटी (आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) संयंत्र स्थापित करेगी. जो इसके उत्पाद को उपयोग के लिए तैयार करने के लिए परीक्षण और पैकेजिंग करेगा. सरकारी सूत्र के अनुसार, माइक्रॉन का यह प्रस्तावित प्लांट पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में लगेगा. इस समझौते के तहत अमेरिकी चिप कंपनी को 1.34 बिलियन डॉलर के प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) का भी लाभ मिलेगा. सूत्र का कहना है कि इंसेंटिव पैकेज के साइज के चलते इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत थी.
पहले चरण में सरकार ने चार ओएसएटी परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इनमें टाटा समूह, सहस्रा सेमीकंडक्टर्स के प्रस्ताव शामिल है. एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘सहस्रा सेमीकंडक्टर्स पहला ओएसएटी संयंत्र है, जिसके जल्द ही उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है.’ इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और माइक्रोन से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. आपको बता दें कि सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं. इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, व्हीकल और माइक्रोवेव ओवन तक जैसे कई प्रोडक्ट्स में होता है.
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(भाषा के साथ एकस्ट्रा इनपुट)