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GoFirst Crisis : गो फर्स्ट का NCLT से अनुरोध, दिवाला समाधान याचिका पर जल्द करे फैसला

वित्तीय संकट से जूझ रही GoFirst Airline ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर जल्द फैसला सुनाने का अनुरोध किया है (GoFirst Insolvency Resolution Petition). गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें 15 मई तक कैंसिल कर दी है.

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Published : May 8, 2023, 3:47 PM IST

नई दिल्ली : संकट से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से अनुरोध किया कि उसकी स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर जल्द फैसला किया जाए. इस बीच पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है. न्यायाधिकरण ने चार मई को गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

याचिका पर जल्द फैसला किया जाए : वरिष्ठ अधिवक्ता पी नागेश ने प्रांजल किशोर के साथ रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ के समक्ष सुबह मामले का उल्लेख किया. उन्होंने न्यायाधिकरण से अनुरोध किया कि उसकी याचिका पर जल्द फैसला किया जाए, क्योंकि पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है. पीठ ने गो फर्स्ट के अनुरोध पर विचार करने की बात कही.

पढ़ें : GoFirst News: एनसीएलटी में गो फर्स्ट की याचिका, पट्टेदारों, डीजीसीए को जबरिया कार्रवाई से रोकने की अपील

20 से विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग : पट्टेदारों ने 20 से अधिक विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है. वाडिया समूह की फर्म ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका दायर करने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से संपर्क किया है. Go First पिछले 17 वर्षों से उड़ान भर रही है और उसने 15 मई तक टिकटों बुकिंग को कैंसिल कर दिया है. इससे पहले एयरलाइन ने 3 से 5 मई तक अपनी सभी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी थी. इसके बाद यह समयावधि बढ़ा कर 9 मई और फिर अब 15 मई तक कर दी गई हैं.

गो फर्स्ट एयरलाइन क्राइसेस : गो फर्स्ट एयरलाइन अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. कंपनी के पास उड़ान भरने के लिए न तो ईंधन है और न ही कैश. कंपनी अपनी इस हालत के लिए अमेरिकी इंजन कंपनी को दोषी ठहराती है. गो फर्स्ट का आरोप है कि अमेरिकी इंजन कंपनी ने समय पर इंजनों की डिलीवरी नहीं, जिसके चलते गो फर्स्ट एयरलाइन की आधी फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा. जिसका असर उसकी इनकम पर दिखा.

(पीटीआई- भाषा)

पढ़ें : Go First News: एनसीएलटी से गो फर्स्ट को नहीं मिली राहत, बकाया चुकाने का मिला निर्देश

पढ़ें : Go First Bankruptcy : क्या भारतीय विमान कंपनियों के खिलाफ साजिश रच रही है अमेरिकी कंपनी ?

नई दिल्ली : संकट से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से अनुरोध किया कि उसकी स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर जल्द फैसला किया जाए. इस बीच पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है. न्यायाधिकरण ने चार मई को गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

याचिका पर जल्द फैसला किया जाए : वरिष्ठ अधिवक्ता पी नागेश ने प्रांजल किशोर के साथ रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ के समक्ष सुबह मामले का उल्लेख किया. उन्होंने न्यायाधिकरण से अनुरोध किया कि उसकी याचिका पर जल्द फैसला किया जाए, क्योंकि पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है. पीठ ने गो फर्स्ट के अनुरोध पर विचार करने की बात कही.

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20 से विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग : पट्टेदारों ने 20 से अधिक विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है. वाडिया समूह की फर्म ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका दायर करने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से संपर्क किया है. Go First पिछले 17 वर्षों से उड़ान भर रही है और उसने 15 मई तक टिकटों बुकिंग को कैंसिल कर दिया है. इससे पहले एयरलाइन ने 3 से 5 मई तक अपनी सभी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी थी. इसके बाद यह समयावधि बढ़ा कर 9 मई और फिर अब 15 मई तक कर दी गई हैं.

गो फर्स्ट एयरलाइन क्राइसेस : गो फर्स्ट एयरलाइन अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. कंपनी के पास उड़ान भरने के लिए न तो ईंधन है और न ही कैश. कंपनी अपनी इस हालत के लिए अमेरिकी इंजन कंपनी को दोषी ठहराती है. गो फर्स्ट का आरोप है कि अमेरिकी इंजन कंपनी ने समय पर इंजनों की डिलीवरी नहीं, जिसके चलते गो फर्स्ट एयरलाइन की आधी फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा. जिसका असर उसकी इनकम पर दिखा.

(पीटीआई- भाषा)

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