नयी दिल्ली : ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ गुजरात में 19.5 अरब डॉलर के निवेश से प्रस्तावित सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयुक्त उद्यम से सोमवार को अलग होने की घोषणा की. मोबाइल फोन से लेकर रेफ्रिजरेटर और कारों तक में इस्तेमाल होने वाले चिप बनाने के लिए प्रौद्योगिकी साझेदार न मिल पाने से इस उद्यम के लिए चुनौतियां बढ़ गई थीं. दुनिया की सबसे बड़ी अनुबंध इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता फॉक्सकॉन ने एक बयान में कहा कि उसने वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम पर आगे न बढ़ने का फैसला किया है और अब यह उद्यम अकेले वेदांता का है.
इस पर अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता ने कहा कि वह सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह भारत के पहले सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना के लिए कुछ साझेदारों के संपर्क में है. हालांकि वेदांता ने अपने नए साझेदारों का कोई ब्योरा नहीं दिया. एप्पल के लिए आईफोन एवं कुछ अन्य उत्पादों की असेंबलिंग करने वाली फॉक्सकॉन और वेदांता ने पिछले साल गुजरात में एक सेमीकंडक्टर विनिर्माण एवं डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र लगाने का समझौता किया था. इस पर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था.
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"This decision of Foxconn to withdraw from its JV with Vedanta has no impact on India's Semiconductor Fab goals," tweets Union Minister of Electronics and Technology, Rajeev Chandrasekhar. pic.twitter.com/zDASvhv09L
— ANI (@ANI) July 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 10, 2023
यूरोप की चिप विनिर्माता एसटीमाइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स को इस संयुक्त उद्यम से प्रौद्योगिकी साझेदार के तौर पर जोड़ने के लिए बातचीत चल रही थी लेकिन इस दिशा में कोई सहमति नहीं बन पाई. सरकार भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण का एक नया केंद्र बनाने की कोशिश में लगी है. इसके लिए सरकार ने एक प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है. इस योजना के तहत फॉक्सकॉन-वेदांता उद्यम के अलावा आईएसएमसी और आईजीएसएस वेंचर्स की तरफ से आवेदन आए थे. लेकिन इस दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है.
लक्ष्य पर असर नहीं !
हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम से अलग होने की घोषणा का भारत के सेमीकंडक्टर विनिर्माण लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. चंद्रशेखर ने ट्वीट में कहा, "सरकार का यह काम नहीं है कि निजी क्षेत्र की दो कंपनियों ने किस वजह से साझेदारी की या नहीं की. लेकिन सरल अर्थों में इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां भारत में अपनी अलग-अलग रणनीतियों पर चलेंगी." उन्होंने कहा कि वेदांता और फॉक्सकॉन दोनों का ही भारत में खासा निवेश है और वे रोजगार देने एवं वृद्धि के मामले में मूल्यवान निवेशक हैं.
फॉक्सकॉन का संचालन करने वाली कंपनी होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि वह सेमीकंडक्टर उद्यम से फॉक्सकॉन का नाम हटाने का प्रयास कर रही है. कंपनी ने कहा, "फॉक्सकॉन का इस इकाई के साथ कोई संबंध नहीं है. मूल नाम बनाए रखने से भविष्य के अंशधारकों के लिए असमंसज की स्थिति पैदा होगी." बयान के मुताबिक, होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) और वेदांता ने पिछले एक साल में सेमीकंडक्टर के विचार को वास्तविक रूप देने के लिए काफी काम किया. कंपनी ने इसे एक अच्छा अनुभव बताते हुए कहा कि आगे चलकर इससे दोनों कंपनियों को मदद मिलेगी.
बयान में कहा गया, "फॉक्सकॉन भारत के सेमीकंडक्टर विकास की दिशा को लेकर आशान्वित है. हम सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल का मजबूती से समर्थन करते रहेंगे." इस ऐलान के बाद वेदांता ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "कंपनी अपनी सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजना के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हम देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने के लिये अन्य भागीदारों के संपर्क में हैं. हम अपनी सेमीकंडक्टर टीम को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे."
वेदांता ने कहा, "हमारे पास एक प्रमुख एकीकृत उपकरण विनिर्माण से 40 एनएम (नैनोमीटर) के लिये उत्पादन स्तर का तकनीकी लाइसेंस है. हम जल्द ही उत्पादन स्तर के 28 एनएम चिप के लिये भी लाइसेंस हासिल कर लेंगे." वेदांता ने कहा कि उसने सेमीकंडक्टर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच पूरी करने के प्रयास तेज कर दिए हैं. इसके साथ ही उसने कहा कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण बना हुआ है.
(भाषा)