नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 2023 के लिए घरेलू शीतकालीन कार्यक्रम (domestic winter program) जारी किया है, जो घरेलू हवाई यात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत देता है. शेड्यूल 2023 के तहत 118 हवाईअड्डों को जोड़ने वाली कुल 23,732 साप्ताहिक उड़ानें होंगी. 29 अक्टूबर, 2023 से 30 मार्च, 2024 तक प्रभावी रहने वाला यह शेड्यूल लगातार दो वर्षों तक कम घरेलू उड़ान संचालन के बाद एक उल्लेखनीय सुधार का प्रतीक है.
डीजीसीए के अनुसार, इस शीतकालीन कार्यक्रम की असाधारण विशेषताओं में से एक साप्ताहिक प्रस्थान में उल्लेखनीय वृद्धि है, जिसमें 118 हवाईअड्डों से आने-जाने के लिए कुल 23,732 उड़ानें संचालित होने वाली हैं. यह पिछली ग्रीष्मकालीन अनुसूची (summer schedule) में 110 हवाईअड्डों से 22,907 साप्ताहिक प्रस्थानों की तुलना में काफी वृद्धि दर्शाता है.
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन 118 हवाईअड्डों में से भटिंडा, जैसलमेर, लुधियाना, नांदेड़, शिवमोगा, सलेम, उत्केला, हिंडन और जीरो अनुसूचित एयरलाइनों द्वारा प्रस्तावित नए अतिरिक्त हवाईअड्डे हैं. हालांकि, गोंदिया हवाईअड्डा 2023 की शीतकालीन अनुसूची में परिचालन का हिस्सा नहीं होगा. एलायंस एयर 914, एयर इंडिया 2,367, एयर एशिया 1,457, इंडिगो 13,119, स्पाइसजेट 2,132, विस्तारा 1,902, स्टार एयर 247, एयर इंडिया एक्सप्रेस 483, अकासा एयर 790 और पवन हंस 18 अतिरिक्त उड़ानें संचालित करेगा.
एयरलाइन के अनुसार, एलायंस एयर ने 3.04 प्रतिशत, एयर इंडिया ने 8.68 प्रतिशत, गो एयर ने परिचालन में 100 प्रतिशत की कमी देखी, एयर एशिया में न्यूनतम 0.07 प्रतिशत की वृद्धि, इंडिगो में 14.43 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि, स्पाइसजेट में 4.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। गिरावट, विस्तारा में 2.48 प्रतिशत की वृद्धि, स्टार एयर में 5.56 प्रतिशत की वृद्धि, एयर इंडिया एक्सप्रेस में उल्लेखनीय 36.59 प्रतिशत की वृद्धि, अकासा एयर में 5.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और इसमें पवन हंस ने प्रवेश किया.
बता दें, ग्रीष्मकालीन अनुसूची 2023 की तुलना में शीतकालीन अनुसूची 2023 के लिए प्रस्थान की संख्या में कुल बढ़ोतरी 3.60 प्रतिशत है. डीजीसीए के अनुसार, शीतकालीन अनुसूची 2022 की तुलना में शीतकालीन अनुसूची 2023 के लिए प्रस्थान की संख्या में संचयी वृद्धि 8.16 प्रतिशत है. इस व्यापक कार्यक्रम में शामिल हवाईअड्डों की संख्या बढ़कर 118 हो गई है, जो भारत के हवाईयात्रा नेटवर्क की बढ़ती पहुंच और उपलब्धता को दर्शाता है.