वाशिंगटन : अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार को नीतिगत ब्याज दर में लगातार दूसरी बार 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. आसमान छूती महंगाई को काबू में लाने के लिए केंदीय बैंक द्वारा उठाए गए कदमों को तीन दशक में सबसे आक्रामक माना जा रहा है. फेडरल रिजर्व के इस कदम से उपभोक्ता एवं कारोबारी ऋण पर सवा दो से ढाई प्रतिशत तक का असर पड़ेगा. यह 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है.
अमेरिका में मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो 41 वर्षों में सबसे तेज वार्षिक दर है. फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी से आवास, वाहन और कारोबारी ऋण महंगा हो जाएगा. ऐसे में उपभोक्ता और कंपनियां कर्ज लेने के बाद खर्च कम करेंगी, जिससे मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलेगी.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ऐसे समय कर्ज महंगा किया है जबकि अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है. ऐसे में इस साल बाद में या अगले वर्ष अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का खतरा भी पैदा हो सकता है. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने बुधवार को कहा, 'मुझे नहीं लगता कि अभी अमेरिका मंदी से जूझ रहा है.'
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(पीटीआई-भाषा)