नई दिल्ली: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की दूसरी अंतरिम डिविडेंट पर विचार करने के लिए बुधवार, 6 दिसंबर को बोर्ड बैठक करने वाली है. इस कंपनी में अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड की बहुमत हिस्सेदारी है. वहीं, दूसरे अंतरिम डिविडेंट के लिए रिकॉर्ड डेट 14 दिसंबर, 2023 तय की गई है. इस रिकॉर्ड डेट का मतलब है कि जिन शेयरधारकों के पास उस डेट पर कंपनी के शेयर हैं, वे डिविडेंट के लिए एलिजिबल होंगे.
बता दें कि इससे पहले, हिंदुस्तान जिंक ने जुलाई में 7 रुपये प्रति शेयर के अपने पहले अंतरिम डिविडेंट की घोषणा की थी. यह 2018 के बाद से कंपनी द्वारा जारी किया गया सबसे कम लाभांश भुगतान था. वित्तीय वर्ष 2023 के लिए, कंपनी ने पूरे वर्ष के लिए 75.5 रुपये का कुल डिवाइडेड घोषित किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में डिविडेंट घोषणा ने कंपनी की सारी नकदी खत्म कर दी थी.
कर्ज चुकाने के लिए सभी रास्ते खुले
सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, वेदांता के पास हिंदुस्तान जिंक में 64.92 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें से अधिकांश गिरवी है. दिलचस्प बात यह है कि यह बोर्ड बैठक और रिकॉर्ड तारीख वेदांता की लोन चुकौती की समय सीमा से ठीक पहले आती है. खनन प्रमुख को जनवरी 2024 में 1 बिलियन डॉलर का रीपेमेंट करना है. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मीडिया को बताया था कि कर्ज चुकाने के मामले में कंपनी के पास सभी विकल्प खुले हैं.