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8 साल में पहली बार चावल उत्पादन में भारी गिरावट, क्या सरकार एक्सपोर्ट पर बैन बढ़ाएगी! - decline in rice production first time in 8 years

चावल उत्पादन में अपेक्षित गिरावट के कारण केंद्र सरकार निर्यात पर बैन बढ़ा सकता है. चावल के उपज में आठ सालों में पहली बार ऐसी गिरावट देखने को मिली है. इस प्रतिबंध से कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलगी. पढ़ें पूरी खबर...(Rice Export, Rice In India, election 2024, Inflation, Basmati rice export, minimum export price of Basmati rice, Indian basmati rice, ban on rice export, decline in rice production)

Decline in Rice Production
चावल उत्पादन में गिरावट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2023, 12:20 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र 2023 में घरेलू चावल उत्पादन में अपेक्षित गिरावट के कारण चावल निर्यात पर प्रतिबंध बढ़ा सकता है. इससे पहले सरकार ने चावल के निर्यात पर रोक लगाई थी. उम्मीद जताई जा रही कि सरकार इस निर्यात पर प्रतिबंध को बढ़ा सकती है. चावल के उपज में आठ सालों में पहली बार ऐसी गिरावट देखने को मिली है. इन निर्यात सीमाओं को बढ़ाने से सरकार को 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले खाद्य कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलने की संभावना है. दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक के रूप में भारत ने जुलाई 2023 में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर वैश्विक कीमतें बढ़ा दी थीं.

Decline in Rice Production
चावल उत्पादन में गिरावट
मानसून के कारण फसल को नुकसानलगातार भारत में अनियमित मानसून के कारण फसल को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में फसल की स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है. अलग-अलग पूर्वानुमानों के मुताबिक धान के रकबे में बढ़ोतरी के बावजूद उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड से 8 फीसदी तक गिर सकता है. इस महीने पांच राज्यों में होने वाले चुनाव और अगले साल आम चुनाव से पहले घरेलू स्तर पर चावल की ऊंची कीमतों के साथ-साथ कमजोर उत्पादन ने किसानों और व्यापारियों को परेशान कर दिया है कि सरकार अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध बढ़ा देगी.
Decline in Rice Production
चावल उत्पादन में गिरावट

इस बार भी चावल उत्पादन में गिरावट
थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार सहित अन्य प्रमुख निर्यातक देशों में कम भंडार को देखते हुए लंबे समय तक निर्यात पर पाबंदी लगाने से खाद्य पदार्थों की कीमत और बढ़ सकती हैं. राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (आरईए) के अध्यक्ष बीवी कृष्णा राव ने रॉयटर्स को बताया कि उन्हें उत्पादन में लगभग 2 से 3 फीसदी की छोटी गिरावट की उम्मीद है, क्योंकि भारी बारिश से कुछ क्षेत्रों में देर से बोई गई फसलों को फायदा हुआ, जबकि अन्य जगहों पर खेतों को नुकसान हुआ.

Decline in Rice Production
चावल उत्पादन में गिरावट

जून 2024 में भी गिरावट की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कृषि विभाग को उम्मीद है कि जून 2024 में समाप्त होने वाले वर्ष के लिए भारत के चावल उत्पादन में 3 फीसदी की कमी, लगभग 4 मिलियन टन की गिरावट, कुल 132 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी. भारत के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि गर्मियों में बोई जाने वाली फसल का उत्पादन 4 फीसदी गिरकर 106.3 मिलियन टन रह सकता है.

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नई दिल्ली: केंद्र 2023 में घरेलू चावल उत्पादन में अपेक्षित गिरावट के कारण चावल निर्यात पर प्रतिबंध बढ़ा सकता है. इससे पहले सरकार ने चावल के निर्यात पर रोक लगाई थी. उम्मीद जताई जा रही कि सरकार इस निर्यात पर प्रतिबंध को बढ़ा सकती है. चावल के उपज में आठ सालों में पहली बार ऐसी गिरावट देखने को मिली है. इन निर्यात सीमाओं को बढ़ाने से सरकार को 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले खाद्य कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलने की संभावना है. दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक के रूप में भारत ने जुलाई 2023 में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर वैश्विक कीमतें बढ़ा दी थीं.

Decline in Rice Production
चावल उत्पादन में गिरावट
मानसून के कारण फसल को नुकसानलगातार भारत में अनियमित मानसून के कारण फसल को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में फसल की स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है. अलग-अलग पूर्वानुमानों के मुताबिक धान के रकबे में बढ़ोतरी के बावजूद उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड से 8 फीसदी तक गिर सकता है. इस महीने पांच राज्यों में होने वाले चुनाव और अगले साल आम चुनाव से पहले घरेलू स्तर पर चावल की ऊंची कीमतों के साथ-साथ कमजोर उत्पादन ने किसानों और व्यापारियों को परेशान कर दिया है कि सरकार अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध बढ़ा देगी.
Decline in Rice Production
चावल उत्पादन में गिरावट

इस बार भी चावल उत्पादन में गिरावट
थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार सहित अन्य प्रमुख निर्यातक देशों में कम भंडार को देखते हुए लंबे समय तक निर्यात पर पाबंदी लगाने से खाद्य पदार्थों की कीमत और बढ़ सकती हैं. राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (आरईए) के अध्यक्ष बीवी कृष्णा राव ने रॉयटर्स को बताया कि उन्हें उत्पादन में लगभग 2 से 3 फीसदी की छोटी गिरावट की उम्मीद है, क्योंकि भारी बारिश से कुछ क्षेत्रों में देर से बोई गई फसलों को फायदा हुआ, जबकि अन्य जगहों पर खेतों को नुकसान हुआ.

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चावल उत्पादन में गिरावट

जून 2024 में भी गिरावट की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कृषि विभाग को उम्मीद है कि जून 2024 में समाप्त होने वाले वर्ष के लिए भारत के चावल उत्पादन में 3 फीसदी की कमी, लगभग 4 मिलियन टन की गिरावट, कुल 132 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी. भारत के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि गर्मियों में बोई जाने वाली फसल का उत्पादन 4 फीसदी गिरकर 106.3 मिलियन टन रह सकता है.

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