हैदराबाद: भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप में से एक बायजू पर इन दिनों मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. 3 बिलियन डॉलर कीमत के 13 से ज्यादा अधिग्रहण, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार और दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक फर्म होने का ताज अपने नाम करने वाली कंपनी बायजू इस वक्त अर्थिक संकट से जूझ रहा है. एजूकेशन एप बायजू के पास इस वक्त पैसों की इतनी तंगी है कि वे अपने कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं दे पा रहा. दरअसल, बायजू के कर्मचारियों को सैलरी मिलने में देरी हो गई. इस देरी के बीच खबर है कि बायजू के फाउंडर रवींद्रन ने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए अपने घर तक को गिरवी रख दिया है.
इतना ही नहीं, कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए बायजू के फाउंडर ने परिवार के अन्य सदस्यों के स्वामित्व वाले घरों को भी गिरवी रख दिया. इन गिरवी रखे हुए घर से लोन मिलने पर बायजू रवींद्रन को थिंक एंड लर्न प्राइवेट के 15,000 कर्मचारियों को सैलरी देने में मदद मिलेगी.
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Once the biggest startup of India to now making its shareholders cry.
— Kalyan Kumar Biswal (@KalyanKBiswal) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
$22 Billion to $3 Billion downfall Journey in just 1 year.
Complete breakdown of what went wrong with Edtech Giant- Byju's pic.twitter.com/T2zG0b3Kth
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— Kalyan Kumar Biswal (@KalyanKBiswal) December 7, 2023
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एक साथ टूटा कई मुसीबतों का पहाड़
हाल ही में एक रेटिंग एजेंसी ने भी बायजू का वैल्यूएशन कम कर दिया है. वहीं, ईडी ने 9,362 करोड़ रुपये के Foreign Exchange Management Act (FEMA) के उल्लंघन के लिए बायजू और कंपनी के संस्थापक रवींद्रन को शो-कॉज जारी किया है. इसी तरह, इसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के द्वारा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी घसीटा गया है.
डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक को बेचने की तैयारी
कथित तौर पर चारों तरफ से संकट घिरा हुआ एडटेक दिग्गज BYJU'S अपने यूएस-आधारित बच्चों के डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक को निजी इक्विटी फंड जोफ्रे कैपिटल को 400 मिलियन डॉलर में बेचने के लिए बातचीत कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक BYJU'S इस बिक्री को वित्तीय चुनौतियों को कम करने का एक साधन मान रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, एपिक की संभावित बिक्री से एडटेक कंपनी को अपने विवादित 1.2 बिलियन डॉलर टर्म लोन को पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि मिल सकती है.
Byju's में जारी आर्थिक संकट पर एक नजर डाले तो इस एडटेक स्टार्टअप पर करीब 800 मिलियन डॉलर का लोन है और हाल ही में बायजूस 1.5 अरब डॉलर के टर्म लोन का ब्याज चुकाने से में असमर्थ रही थी, जिसे लेकर एडटेक स्टार्टअप को कानूनी लड़ाई का सामना भी करना पड़ रहा है. कंपनी में जारी उथल-पुथल और कैश संकट के चलते जहां बायजूस की वैल्यूएशन पर असर पड़ा है, तो वहीं वर्कर के सामने सैलरी संकट गहरा गया है, इस संकट को कम करने के लिए बायजू के फाउंडर रविन्द्रन ने यह बड़ा फैसला लिया है.
दो सालों से नुकसान में कंपनी
पिछले दो सालों से BYJU'S पर काले बादल छाये हुए हैं. एक समय इंडियन टेकनोलॉजी और इनोवेशन के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में प्रचारित की जाने वाली एडटेक दिग्गज को बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है और सह-संस्थापक और समूह सीईओ बायजू रवींद्रन को अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है. साल 2021 के बाद से लेकर अबतक बायजू को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
वर्ष 2011 शुरु हुई थी कंपनी
बेंगलुरु स्थित एडटेक प्लेटफॉर्म बायजूस एक ऑनलाइन ट्यूटरिंग और कोचिंग फर्म है, जिसे वर्ष 2011 में शुरू किया गया था और यह एक फ्रीमियम मॉडल पर चलता है. हालांकि उस समय तक इसे बहुत ही कम लोग जानते थे लेकिन समय के साथ बढ़ने के बाद, यह दुनिया की सबसे बड़ी एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी बन गई. दो साल पहले तक बायजूस का वैल्यूएशन करीब 37000 करोड रुपए से भी ज्यादा था. बता दें, बायजूस की मूल कंपनी 'थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड' है. इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य कक्षा 1 से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए ऑनलाइन वीडियो व्याख्यान के माध्यम से कोचिंग प्रदान करना है और साथ ही IIT - JEE, NEET, CAT, GRE और GMAT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लोगों के लिए भी कोचिंग प्रदान करना है.
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Byju’s has single handedly destroyed investors confidence in the whole EdTech sector.
— Rajesh Sawhney 🇮🇳 (@rajeshsawhney) December 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
There are so many good founders and EdTechs out there doing innovative and pioneering work, but struggling to raise money due to the overhang of Byju’s debacle.
Hope this thing is dismantled…
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इन वर्षों में कंपनी ने किया था कमाल
बायजूस लर्निंग ऐप को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था और तब से 2020 तक कंपनी बड़ी सफलता से चल रहा था. इस प्लेटफार्म का उपयोग पूरी दुनिया में 15 मिलियन से अधिक छात्रों द्वारा किया जाता है और इसके 9,00,000 पेड कस्टमर भी हैं. यह एप्लिकेशन छात्रों को अपने दम पर सीखने में मदद करता है. बायजू ने अपने शुरुआती दौर में कई निवेशकों को आकर्षित किया था. साल 2016 में बायजूस छान-जुकरबर्ग से इन्वेस्टमेंट प्राप्त करने वाली एशिया की पहली कंपनी बन गई थी. जनवरी 2020 में बायजू ने टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट से 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे .जिसके बाद कंपनी का मूल्य 8 मिलियन डॉलर हो गया था. फरवरी 2020 में, फिर से, बायजू ने न्यूयॉर्क स्थित प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक से 200 मिलियन डॉलर जुटाने की पुष्टि की थी.
क्या दिवालिया हो जाएगा बायजू
आज बायजू की जो स्थिति है उसे लेकर कई लोगों के मन में एक सवाल है उठता है कि आखिर कंपनी इस स्थिति में कैसे पहुंची और क्या बायजू आने वाले वक्त में दिवालिया हो जाएगा? तो हम आपको बता दें, कि बायजू एडटेक ने साल 2020 में कोरोना महामारी के वक्त खूब मुनाफ कमाया था. तब कंपनी ने लगभग एक दर्जन से अधिक कंपनियों को खरीद लिया था.
इसमें आकाश ट्यूटोरियल, व्हाइट हैट जूनियर, ग्रेट लर्निंग स्कॉलर, हार्शलर्न, टॉपर, एपिक, टिंकर, जियोजेब्रा जैसे स्टार्टअप शामिल है. लेकिन इन्हें खरीदने के बाद कंपनी को घाटा झेलना पड़ा. इन सबके अलावा कंपनी पर कई बड़े आरोप भी है. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट वैल्यू काफी नीचे चला गया है.
बायजू पर 40 करोड़ डॉलर लोन बकाया
कभी बायजू की एसेट वैल्यू पांच अरब डॉलर हुआ करती थी. अब तीन बिलियन डॉलर से भी कम हो गया है. बायजू का मार्केट वैल्यू 16 महीने में 22 बिलियन डॉलर से 86 फीसदी तक गिरा है. बता दें, साल 2022 में कंपनी की प्रॉपर्टी 30 हजार 600 सौ करोड़ रुपये की थी, जो अब मात्र 833 करोड़ रुपये की रह गई है, साथ ही बता दें, कंपनी पर 10 हजार करोड़ के लोन डिफॉल्ट का खतरा भी है. बायजू ने 40 करोड़ डॉलर का लोन लिया हुआ है, जिसे वह चुका नहीं पा रही है.