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Flat Assets or Liability: क्या आप लोन लेकर फ्लैट खरीदने वाले हैं? ये पढ़ लिया तो होंगे करोड़ों के मालिक

हम सभी का एक सपना होता है कि हमारा एक अपना घर हो. वर्तमान समय में ज्यादातर लोग Home Loan लेकर फ्लैट खरीदते हैं. उसे ही अपना घर मान लेते हैं. लेकिन क्या फ्लैट खरीदना सही है या किराए के मकान में रहना ज्यादा फायदेमंद है. इसी सवाल का जवाब जानने के लिए Etv Bharat ने बात की आर्थिक मामलों के जानकार वी.के सिन्हा से.

Flat Assets or Liability
फ्लैट संपत्ति या देयता
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Published : May 7, 2023, 12:23 PM IST

नई दिल्ली : अपना घर हो यह हर किसी का सपना होता है. वर्तमान समय में होम लोन इतनी आसानी से मिल रहें हैं कि ज्यादातर लोग होम लोन लेकर फ्लैट खरीद लेना चाहते हैं. लोगों को यह एसेट की तरह लगता है लेकिन क्या वाकई में फ्लैट एसेट्स होते है या लायबिलिटी होती है. क्या हमें फ्लैट खरीदना चाहिए या किराए के मकान में रहना चाहिए. इन्हीं सब सवालों का जवाब जानने के लिए Etv Bharat ने बात की आर्थिक मामलों के जानकार SBI के पूर्व मैनेजर वी.के सिन्हा से.

ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए वी.के सिन्हा ने बताया कि फ्लैट खरीदना या किराए के मकान में रहना लोगों की सिचुएशन पर निर्भर करता है. लेकिन लोन पर फ्लैट लेना एक एसेट नहीं बल्कि लायबिलिटी है. उदाहरण देकर समझाते हुए उन्होंने कहा मान लें आप 2Bhk फ्लैट 40 लाख रुपये में खरीद रहें. 5 लाख रुपये डाउन पेमेंट किया और बाकी 35 लाख रुपये की लोन लेते हैं. 9 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर होम लोन मिल जाता है. इस इंटरेस्ट रेट पर 20 साल के 31,490 रुपये की EMI बनती है. इस तरह ईएमआई पूरा चुकाने पर वह फ्लैट आपका होगा. लेकिन तब तक 20 साल में उस फ्लैट का कंट्रक्शन पुराना हो जाएगा और फिर उसकी वैल्यूएशन कम हो जाएगी.

वहीं, अगर किराए के मकान में रहते हैं तो क्या होगा. इस पर वी.के सिन्हा ने बताया कि आपके सिर पर कोई लाईलबिटी नहीं होगी और लाइबलिटी न खरीदना भी एसेट बनाना जैसा होता है. वहीं, अगर आप घर खरीदना चाहते हैं तो Raw House यानी जमीन से जुड़ा घर खरीदें. क्योंकि जमीन हमेशा से एक एसेट रहा है और वह बाद में भी आपको एक अच्छा रिटर्न देगा.

इन सब के इतर किराए के मकान में रहते हुए आप EMI वाले पैसों को सही जगह इंवेस्ट कर सकते हैं. उदाहरण से समझें कि अगर आप किसी 15 हजार रुपये के रेंट वाले फ्लैट में रहते हैं तो आप अपनी ईएमआई वाली 16 हजार राशि (15,000+16,000=31,000) बचा सकते हैं. अब इस राशि को सही जगह इंवेस्ट करके आप करोड़ों का फंड बना सकते हैं.

इस 16 हजार रुपये को कहां निवेश करना चाहिए इस सवाल पर वी.के सिन्हा ने कहा कि आज के समय में SIP अच्छा इंटरेस्ट रिटर्न देने वाला एक बेहतर सेविंग इंस्ट्रूमेंट है. मान लें कि आप प्रति माह 16,000 रुपये 20 साल के लिए एसआईपी में जमा कर रहे हैं. मार्केट की कंडिशन अच्छी रही तो आपको इस 12-15 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. इस तरह 20 साल बाद आपकी निवेश राशि 38.40 लाख रुपये होगी और एसआईपी मैच्यूरिटी पूरा होने पर आपको 2.90 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा.

वी. के सिन्हा ने अंत में कहा कि फ्लैट खरीदना बेसिकली एक लाइबलिटी है. वहीं, अगर आप एसेट खरीदना चाहते हैं तो जमीन से RAW HOUSE खरीदें. वरना किराए के मकान में रहते हुए आप पैसों को सही जगह इंवेस्ट करके करोड़ों रुपये का फंड जुटा सकते हैं जो आपके भविष्य की कई सारी जरूरतों को पूरा कर सकता है.

पढ़ें : Sukanya Yojna vs LIC Kanyaadaan : अपनी लाडली के लिए कहां जमा करें पैसा, सुकन्या या एलआईसी कन्यादान में, जानें

नई दिल्ली : अपना घर हो यह हर किसी का सपना होता है. वर्तमान समय में होम लोन इतनी आसानी से मिल रहें हैं कि ज्यादातर लोग होम लोन लेकर फ्लैट खरीद लेना चाहते हैं. लोगों को यह एसेट की तरह लगता है लेकिन क्या वाकई में फ्लैट एसेट्स होते है या लायबिलिटी होती है. क्या हमें फ्लैट खरीदना चाहिए या किराए के मकान में रहना चाहिए. इन्हीं सब सवालों का जवाब जानने के लिए Etv Bharat ने बात की आर्थिक मामलों के जानकार SBI के पूर्व मैनेजर वी.के सिन्हा से.

ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए वी.के सिन्हा ने बताया कि फ्लैट खरीदना या किराए के मकान में रहना लोगों की सिचुएशन पर निर्भर करता है. लेकिन लोन पर फ्लैट लेना एक एसेट नहीं बल्कि लायबिलिटी है. उदाहरण देकर समझाते हुए उन्होंने कहा मान लें आप 2Bhk फ्लैट 40 लाख रुपये में खरीद रहें. 5 लाख रुपये डाउन पेमेंट किया और बाकी 35 लाख रुपये की लोन लेते हैं. 9 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर होम लोन मिल जाता है. इस इंटरेस्ट रेट पर 20 साल के 31,490 रुपये की EMI बनती है. इस तरह ईएमआई पूरा चुकाने पर वह फ्लैट आपका होगा. लेकिन तब तक 20 साल में उस फ्लैट का कंट्रक्शन पुराना हो जाएगा और फिर उसकी वैल्यूएशन कम हो जाएगी.

वहीं, अगर किराए के मकान में रहते हैं तो क्या होगा. इस पर वी.के सिन्हा ने बताया कि आपके सिर पर कोई लाईलबिटी नहीं होगी और लाइबलिटी न खरीदना भी एसेट बनाना जैसा होता है. वहीं, अगर आप घर खरीदना चाहते हैं तो Raw House यानी जमीन से जुड़ा घर खरीदें. क्योंकि जमीन हमेशा से एक एसेट रहा है और वह बाद में भी आपको एक अच्छा रिटर्न देगा.

इन सब के इतर किराए के मकान में रहते हुए आप EMI वाले पैसों को सही जगह इंवेस्ट कर सकते हैं. उदाहरण से समझें कि अगर आप किसी 15 हजार रुपये के रेंट वाले फ्लैट में रहते हैं तो आप अपनी ईएमआई वाली 16 हजार राशि (15,000+16,000=31,000) बचा सकते हैं. अब इस राशि को सही जगह इंवेस्ट करके आप करोड़ों का फंड बना सकते हैं.

इस 16 हजार रुपये को कहां निवेश करना चाहिए इस सवाल पर वी.के सिन्हा ने कहा कि आज के समय में SIP अच्छा इंटरेस्ट रिटर्न देने वाला एक बेहतर सेविंग इंस्ट्रूमेंट है. मान लें कि आप प्रति माह 16,000 रुपये 20 साल के लिए एसआईपी में जमा कर रहे हैं. मार्केट की कंडिशन अच्छी रही तो आपको इस 12-15 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. इस तरह 20 साल बाद आपकी निवेश राशि 38.40 लाख रुपये होगी और एसआईपी मैच्यूरिटी पूरा होने पर आपको 2.90 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा.

वी. के सिन्हा ने अंत में कहा कि फ्लैट खरीदना बेसिकली एक लाइबलिटी है. वहीं, अगर आप एसेट खरीदना चाहते हैं तो जमीन से RAW HOUSE खरीदें. वरना किराए के मकान में रहते हुए आप पैसों को सही जगह इंवेस्ट करके करोड़ों रुपये का फंड जुटा सकते हैं जो आपके भविष्य की कई सारी जरूरतों को पूरा कर सकता है.

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