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Udan Yojana :'उड़ान योजना' का बजट हुआ दोगुना, देश में विमानन के साथ पर्यटन उद्योग बढ़ेगा

केंद्र सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना 'उड़ान' को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई कदम उठाये गये हैं. इसके तहत बजट की राशि जारी वित्तीय वर्ष की तुलना में दो गुणा कर दिया गया है. पढ़ं पूरी खबर.

Udaan Yojana
उड़ान योजना' का बजट हुआ दोगुना
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Published : Feb 5, 2023, 12:57 PM IST

नई दिल्ली: एक ओर जहां पिछले कुछ महीनों में देश में विमानन यातायात में लगातार वृद्धि देखी गई है, वहीं हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स और वाटर एयरोड्रम सहित 50 विमान लैंडिंग स्थलों को पुनर्जीवित करने की बजट घोषणा से सरकार की महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना 'उड़ान' को और पंख मिलने की संभावना है. बजट में विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुए 50 पर्यटन स्थलों और थीम-आधारित स्थानीय पर्यटन स्थलों के विकास के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है.

आरसीएस का बजट ₹600 करोड़ से बढ़कर ₹1,244 करोड़ हुआ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार के लिए 50 अतिरिक्त हवाईअड्डों, हेलीपोर्ट, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत लैंडिंग ग्राउंड को पुनर्जीवित किया जाएगा. रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम-आरसीएस के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल के बजट में, पिछले आवंटन के बाद से आरसीएस में आवंटन दोगुना हो गया है और यह 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,244 करोड़ रुपये हो गया है.

सरकार ने अक्टूबर, 2016 में आरसीएस-उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) लॉन्च किया था, ताकि देश में क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाया जा सके और जनता के लिए हवाई यात्रा सस्ती की जा सके. इस योजना के तहत देश के कोने-कोने में नौ हेलीपोर्ट और दो वाटर एयरोड्रोम सहित 72 हवाईअड्डों को शामिल करते हुए 459 उड़ान मार्गों को चालू किया गया है. अब तक 2.16 लाख से अधिक उड़ान उड़ानों में 1.13 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा की है.

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में नौ हेलीपोर्ट बनेंगे
उड़ान योजना के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में नौ हेलीपोर्ट विकसित और संचालित किए गए हैं. इनमें हिमाचल प्रदेा में मंडी और रामपुर और उत्तराखंड में अल्मोड़ा, चिन्यालीसौड़, गौचर, हल्द्वानी, नई टिहरी, सहस्त्रधारा और श्रीनगर शामिल हैं. उड़ान योजना, अधिसूचना की तारीख से 10 वर्ष की अवधि के लिए लागू है. सरकार ने योजना की अवधि के दौरान 1000 उड़ान मार्गों को चालू करने और 2024 तक 100 अप्रयुक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, जल हवाई अड्डों को पुनर्जीवित और विकसित करने का लक्ष्य रखा है.

इसके बाद किसानों को कृषि उत्पादों के परिवहन में सहायता करने के लिए अगस्त 2020 में कृषि उड़ान योजना शुरू की गई, ताकि उनके मूल्य प्राप्ति में सुधार हो सके. कृषि उड़ान 2.0 मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों से खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के परिवहन पर केंद्रित है. विशेषज्ञों ने हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट के विकास पर बजट घोषणा की भी सराहना की है. शमशेर दीवान, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड - कॉपोर्रेट रेटिंग्स, आईसीआरए लिमिटेड ने कहा, केंद्रीय बजट 2023-24 ने 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत की स्थापना के माध्यम से क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. लैंडिंग ग्राउंड पुनरुद्धार, जो घरेलू हवाई यात्रा को बढ़ावा देगा. अपने विचार साझा करते हुए अकासा एयर के संस्थापक और सीईओ, विनय दूबे ने कहा कि 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों की घोषणा और हवाई परिवहन के बुनियादी ढांचे में तेजी लाना एक स्वागत योग्य कदम है और यह देश की हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करेगा.

ये भी पढ़ें- तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन में ड्रोन से होगी दवाओं की आपूर्ति : सिंधिया

नई दिल्ली: एक ओर जहां पिछले कुछ महीनों में देश में विमानन यातायात में लगातार वृद्धि देखी गई है, वहीं हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स और वाटर एयरोड्रम सहित 50 विमान लैंडिंग स्थलों को पुनर्जीवित करने की बजट घोषणा से सरकार की महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना 'उड़ान' को और पंख मिलने की संभावना है. बजट में विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुए 50 पर्यटन स्थलों और थीम-आधारित स्थानीय पर्यटन स्थलों के विकास के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है.

आरसीएस का बजट ₹600 करोड़ से बढ़कर ₹1,244 करोड़ हुआ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार के लिए 50 अतिरिक्त हवाईअड्डों, हेलीपोर्ट, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत लैंडिंग ग्राउंड को पुनर्जीवित किया जाएगा. रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम-आरसीएस के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल के बजट में, पिछले आवंटन के बाद से आरसीएस में आवंटन दोगुना हो गया है और यह 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,244 करोड़ रुपये हो गया है.

सरकार ने अक्टूबर, 2016 में आरसीएस-उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) लॉन्च किया था, ताकि देश में क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाया जा सके और जनता के लिए हवाई यात्रा सस्ती की जा सके. इस योजना के तहत देश के कोने-कोने में नौ हेलीपोर्ट और दो वाटर एयरोड्रोम सहित 72 हवाईअड्डों को शामिल करते हुए 459 उड़ान मार्गों को चालू किया गया है. अब तक 2.16 लाख से अधिक उड़ान उड़ानों में 1.13 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा की है.

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में नौ हेलीपोर्ट बनेंगे
उड़ान योजना के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में नौ हेलीपोर्ट विकसित और संचालित किए गए हैं. इनमें हिमाचल प्रदेा में मंडी और रामपुर और उत्तराखंड में अल्मोड़ा, चिन्यालीसौड़, गौचर, हल्द्वानी, नई टिहरी, सहस्त्रधारा और श्रीनगर शामिल हैं. उड़ान योजना, अधिसूचना की तारीख से 10 वर्ष की अवधि के लिए लागू है. सरकार ने योजना की अवधि के दौरान 1000 उड़ान मार्गों को चालू करने और 2024 तक 100 अप्रयुक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, जल हवाई अड्डों को पुनर्जीवित और विकसित करने का लक्ष्य रखा है.

इसके बाद किसानों को कृषि उत्पादों के परिवहन में सहायता करने के लिए अगस्त 2020 में कृषि उड़ान योजना शुरू की गई, ताकि उनके मूल्य प्राप्ति में सुधार हो सके. कृषि उड़ान 2.0 मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों से खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के परिवहन पर केंद्रित है. विशेषज्ञों ने हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट के विकास पर बजट घोषणा की भी सराहना की है. शमशेर दीवान, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड - कॉपोर्रेट रेटिंग्स, आईसीआरए लिमिटेड ने कहा, केंद्रीय बजट 2023-24 ने 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत की स्थापना के माध्यम से क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. लैंडिंग ग्राउंड पुनरुद्धार, जो घरेलू हवाई यात्रा को बढ़ावा देगा. अपने विचार साझा करते हुए अकासा एयर के संस्थापक और सीईओ, विनय दूबे ने कहा कि 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों की घोषणा और हवाई परिवहन के बुनियादी ढांचे में तेजी लाना एक स्वागत योग्य कदम है और यह देश की हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करेगा.

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