नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में प्रतिशत ऋण वृद्धि के मामले में सबसे आगे रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के तिमाही आंकड़ों के मुताबिक, बीओएम का जुलाई-सितंबर 2022 की तिमाही में सकल अग्रिम 28.62 प्रतिशत बढ़कर 1,48,216 करोड़ रुपये हो गया. उसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की प्रतिशत वृद्धि दर 21.54 प्रतिशत रही और इसने तिमाही में 7,52,469 करोड़ रुपये के कर्ज आवंटित किए.
तीसरे स्थान पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) रहा जिसकी ऋण वृद्धि दर 18.15 प्रतिशत रही और उसने कुल 25,47,390 करोड़ रुपये के कर्ज दिए. दूसरी तिमाही में खुदरा, कृषि एवं एमएसएमई (आरएएम) कर्जों के संदर्भ में भी बीओएम ने सर्वाधिक 22.31 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा 19.53 प्रतिशत और एसबीआई 16.51 प्रतिशत की दर से बढ़े.
जहां तक कम लागत वाली चालू खाता बचत खाता जमाओं का सवाल है तो बीओएम ने 56.27 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि दर हासिल की. उसके बाद केनरा बैंक 50.99 प्रतिशत वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर रहा. लाभ कमाने के प्रमुख संकेतक माने जाने वाले शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के मामले में बीओएम और एसबीआई दोनों ने 3.55 प्रतिशत की दर हासिल की.
उनके बाद बैंक ऑफ इंडिया 3.49 प्रतिशत के साथ दूसरे और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3.44 प्रतिशत एनआईएम के साथ तीसरे स्थान पर रहा. तिमाही आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के मोर्चे पर बीओएम का प्रदर्शन कुल अग्रिम का 3.40 प्रतिशत रहा है जबकि एसबीआई का सकल एनपीए उसके कुल अग्रिम का 3.52 प्रतिशत रहा. इन दोनों बैंकों का शुद्ध एनपीए इस तिमाही में क्रमशः 0.68 प्रतिशत और 0.80 प्रतिशत रहा है.
(पीटीआई-भाषा)