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IMF-Pak Deal: आईएमएफ से पाकिस्तान को मिली मदद, 3 अरब डॉलर कर्ज के लिए हुआ समझौता

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Published : Jun 30, 2023, 1:17 PM IST

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है. महंगाई सातवें आसमान पर है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के लिये गुजारा करना लगभग असंभव हो गया है. ऐसे में IMF से मिली मदद पाक के लिए काफी राहत भरी साबित हो सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

IMF- Pak Deal
पाकिस्तान औऱ आईएमएफ के बीच डील

इस्लामाबाद : नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बड़ी राहत मिली है. पाकिस्तान सरकार और मुद्रा कोष तीन अरब डॉलर के बहुप्रतीक्षित समझौते पर पहुंच गये हैं. इससे पाकिस्तान को वैश्विक झटकों से निपटने और अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने में मदद मिलेगी. यह समझौता कर्मचारियों के स्तर पर है. अत: यह मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक मंडल की मंजूरी पर निर्भर है.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है. पिछले कई साल से तीव्र गिरावट की स्थिति है. इससे गरीब जनता पर अनियंत्रित महंगाई के रूप में दबाव आ गया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के लिये गुजारा करना लगभग असंभव हो गया है.

225 करोड़ रुपये कर्ज के लिए हुआ समझौता
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पाकिस्तान में मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ टीम ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) के तहत 225 करोड़ कर्ज के लिए ‘स्टाफ लेबल’ समझौता हुआ है. ये डील विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights) SDR के तहत हुई है. वहीं, अगर इस रकम को डॉलर में काउंट करें तो यह लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि के बराबर है.

इस समझौते पर जुलाई के मध्य में होगा विचार
यह राशि पाकिस्तान के मुद्रा कोष में कोटा का 111 फीसदी है. यह समझौता पाकिस्तान के 2019 ईएफएफ (विस्तारित कोष सुविधा) समर्थित कार्यक्रम के तहत अधिकारियों के प्रयासों पर आधारित है, जो जून के अंत में समाप्त हो रहा है. समझौता मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक मंडल की मंजूरी पर निर्भर है. वह इस पर जुलाई के मध्य में विचार कर सकता है.

इस मदद से पाक को मिलेगी राहत
तीन अरब डॉलर का वित्त पोषण नौ महीने के लिये है. यह पाकिस्तान की उम्मीद से अधिक है. देश 2019 में हुए समझौते के तहत 6.5 अरब डॉलर के पैकेज में से 2.5 अरब डॉलर की प्रतीक्षा कर रहा था. बयान के अनुसार यह व्यवस्था बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, वृहत आर्थिक स्थिरता को बनाये रखने और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से वित्त पोषण के लिये रूपरेखा प्रदान करने में मदद करेगी.

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(भाषा)

इस्लामाबाद : नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बड़ी राहत मिली है. पाकिस्तान सरकार और मुद्रा कोष तीन अरब डॉलर के बहुप्रतीक्षित समझौते पर पहुंच गये हैं. इससे पाकिस्तान को वैश्विक झटकों से निपटने और अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने में मदद मिलेगी. यह समझौता कर्मचारियों के स्तर पर है. अत: यह मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक मंडल की मंजूरी पर निर्भर है.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है. पिछले कई साल से तीव्र गिरावट की स्थिति है. इससे गरीब जनता पर अनियंत्रित महंगाई के रूप में दबाव आ गया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के लिये गुजारा करना लगभग असंभव हो गया है.

225 करोड़ रुपये कर्ज के लिए हुआ समझौता
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पाकिस्तान में मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ टीम ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) के तहत 225 करोड़ कर्ज के लिए ‘स्टाफ लेबल’ समझौता हुआ है. ये डील विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights) SDR के तहत हुई है. वहीं, अगर इस रकम को डॉलर में काउंट करें तो यह लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि के बराबर है.

इस समझौते पर जुलाई के मध्य में होगा विचार
यह राशि पाकिस्तान के मुद्रा कोष में कोटा का 111 फीसदी है. यह समझौता पाकिस्तान के 2019 ईएफएफ (विस्तारित कोष सुविधा) समर्थित कार्यक्रम के तहत अधिकारियों के प्रयासों पर आधारित है, जो जून के अंत में समाप्त हो रहा है. समझौता मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक मंडल की मंजूरी पर निर्भर है. वह इस पर जुलाई के मध्य में विचार कर सकता है.

इस मदद से पाक को मिलेगी राहत
तीन अरब डॉलर का वित्त पोषण नौ महीने के लिये है. यह पाकिस्तान की उम्मीद से अधिक है. देश 2019 में हुए समझौते के तहत 6.5 अरब डॉलर के पैकेज में से 2.5 अरब डॉलर की प्रतीक्षा कर रहा था. बयान के अनुसार यह व्यवस्था बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, वृहत आर्थिक स्थिरता को बनाये रखने और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से वित्त पोषण के लिये रूपरेखा प्रदान करने में मदद करेगी.

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(भाषा)

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