नई दिल्ली: 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडाणी समूह के शेयर बाजार मूल्य में गिरावट का सामना कर रहे हैं और इसकी कई प्रमुख कंपनियों में गिरावट का रुख है. अडाणी समूह के कई शेयरों में गिरावट ने निवेशकों के लाखों-करोड़ों रुपये डूबा दिए हैं और जो लोग निवेश में बने हुए हैं, उन्हें अपनी घटती संपत्ति का लगातार डर सता रहा है.
अडानी ट्रांसमिशन, जो अडाणी ग्रुप की प्रमुख बिजली कंपनी है. उसके शेयर में आज जबरदरस्त गिरावट देखी गई. इसके शेयर पिछले 6 महीने से गिरावट के चलते आज अपने ऑरिजनल प्राइस से 75 फीसदी तक नीचे गिर गया है.
कंपनी के अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) ढांचे से बाहर निकलने के बावजूद अडानी ट्रांसमिशन स्टॉक ने आज लगभग 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की. ASM भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का एक तंत्र है जिसके माध्यम से यह शेयरों और शेयरों को उनकी अस्थिरता और मूल्य भिन्नता के आधार पर बांटता है. सेबी की ASM लिस्ट में शामिल शेयरों में निवेशकों के लिए एक चेतावनी भी है कि ये शेयर अत्यधिक अस्थिर हैं और इनमें निवेश करने से पहले किसी को भी अपनी संभावनाओं को परख लेना चाहिए.
अडानी ट्रांसमिशन तेज गिरावट का सामना करने वाला अडाणी समूह का अकेला स्टॉक नहीं था. अडाणी ट्रांसमिशन के अलावा, 2 अन्य समूह के शेयरों यानी अडाणी टोटल गैस और अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड निचले स्तर तक गिर गए. अडाणी ट्रांसमिशन में 4.999 फीसदी तक की गिरावट देखी गई और यह 840 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था. अडाणी टोटल 777.45 रुपये के निचले बैंड मूल्य के साथ लगभग 5 फीसदी गिर गया, जबकि अदानी ग्रीन 3.27 फीसदी गिरकर 866.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था.