मुंबई : भारतीय बाजार नियामक सेबी अडाणी मामले में अब और गहराई से जांच करेगी. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक आवेदन में कहा है कि वह अडाणी ग्रुप के पिछले 10 सालों के बैंक अकाउंट की जांच करेगी. बता दें कि 29 अप्रैल को अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट से और 6 महीने का समय मांगा.
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडाणी ग्रुप से जुड़े 12 ट्रांजेक्शन संदिग्ध है. जो कि पिछले 10 सालों से किए जा रहे हैं. इस पर सेबी ने कहा कि ये सभी लेन-देन काफी जटिल है और इसकी जांच के लिए समय लगेगा. सेबी ने कहा 'अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जटिलता और महत्व को देखते हुए इसकी जांच गहराई से करनी होगी. जिसके लिए आमतौर पर 15 महीने से अधिक का समय लगता है, लेकिन हम जांच तेजी से कर रहे हैं फिर भी इस मामले में निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कम से कम और 6 महीने का वक्त चाहिए. इसमें कहा गया है कि जांच में 10 से अधिक वर्षों के लिए किए गए सभी लेनदेन के लिए कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बैंकों से "बड़े पैमाने पर बैंक विवरण" प्राप्त करना और जांचना करना शामिल होगा.'
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एक जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अडाणी समूह की व्यावसायिक गतिविधियों की जांच करने का निर्देश दिया था. दरअसल 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर अपनी एक नाकारात्मक रिपोर्ट पेश की. जिसमें Adani Group पर स्टॉक हेरफेर (शेयरों में धांधली), अकाउंटिंग फ्रॉड जैसे 88 गंभीर आरोप लगाए थे. इस पर खूब हंगामा हुआ. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, तो 2 मार्च को SC ने सेबी को आदेश दिया कि वह अडाणी मामले में 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपे. हालांकि अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया. फिर भी अडाणी समूह को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.